लखनऊ नगर निगम सदन में भाजपा पार्षदों के बीच भिड़ंत, तीखी नोकझोंक, बजट की कॉपी फाड़ी
- लखनऊ नगर निगम सदन में भाजपा पार्षदों के बीच भिड़ंत से गरमा गया है। पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की देखने को मिली।उधर, नगर निगम के बजट सत्र के दौरान उस वक्त हंगामा मच गया जब बीजेपी पार्षद मुकेश सिंह मोंटी ने बजट की प्रति को फाड़कर विरोध जताया।

लखनऊ नगर निगम सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही भाजपा पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की देखने को मिली। विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब भाजपा पार्षद रामनरेश रावत एक अतिरिक्त कुर्सी खींचकर आगे बैठ गए। इस पर पार्टी के ही अन्य पार्षदों ने विरोध जताया और उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया। स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी मौके पर पहुंचीं और भाजपा पार्षदों पर दलित पार्षदों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हर बार आप लोग दलित प्रतिनिधियों को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।
उधर, नगर निगम के बजट सत्र के दौरान उस वक्त हंगामा मच गया जब बीजेपी पार्षद मुकेश सिंह मोंटी ने बजट की प्रति को फाड़कर विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस बजट को कार्यकारिणी में पास किया गया था, उसमें बदलाव कर दिया गया है। ऐसे में इस बजट की कोई वैधता नहीं रह जाती।
कांग्रेस पार्षदों के हस्तक्षेप से मामला शांत
स्थिति को और बिगड़ने से पहले कांग्रेस पार्षदों ने बीच-बचाव किया। किसी तरह मामला शांत कराया। इस दौरान भाजपा खेमे के महापौर समर्थक पार्षद रणजीत सिंह पार्टी में अंदरूनी कलह और बढ़ते तनाव से नाराज होकर सदन में सबसे पीछे जाकर बैठ गए।
महापौर समर्थकों और विरोधियों में तल्खी
सदन शुरू होने से पहले ही महापौर समर्थक और विरोधी भाजपा पार्षदों के बीच भी साफ तौर पर तनातनी देखी गई। पार्षदों में खेमेबंदी स्पष्ट नजर आ रही थी। बीच-बचाव की कोशिश में बीजेपी पार्षद दल के उपनेता सुशील तिवारी मम्मी ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा के पार्षद आपसी झगड़े से पीछे हटने को तैयार नहीं थे।
कार्यकारिणी में पास बजट में बदलाव का लगाया आरोप
सदन में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पार्षद मोंटी ने कहा, "कार्यकारिणी में जिस बजट को सहमति मिली थी, उसे बदलकर जो कागज़ सदन में पेश किया गया है, वह पूरी तरह से भ्रमित करने वाला है।" उन्होंने आगे कहा कि यह जनता के साथ धोखा है और बजट की प्रक्रिया को मज़ाक बनाकर रख दिया गया है। बीजेपी पार्षद के इस विरोध प्रदर्शन के बाद सदन में माहौल गर्मा गया। कुछ अन्य पार्षदों ने भी कार्यकारिणी और सदन के बीच तालमेल की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने बजट की नई प्रति को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की। पार्षदों ने कहा कि किसके कहने पर कार्यकारिणी में पास बजट में बदलाव किया है। उसका नाम सार्वजनिक किया जाए।