चित्रकूट में भागवत कथा में उमड़ी भक्तों की भीड़
श्रीमद भागवत कथा के विश्राम दिवस पर डा रामनारायण त्रिपाठी ने सुदामा चरित्र में बताया कि सच्चा मित्र भगवान है और मनुष्य की श्रेष्ठता भगवान का स्मरण करने में है। कथा में गुरु तत्व और कलयुग की चर्चा भी...
श्रीमद भागवत कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास डा रामनारायण त्रिपाठी ने सुदामा चरित्र में कहा कि मनुष्य की श्रेष्ठता सुदामा के समान कामना रहित होकर भगवान का स्मरण करें। तभी भगवान अपनी भगवत्ता को छोड़ कृपा कर अपने जैसा बनाते है। भगवान जीव के सच्चे मित्र है समझने की बात है सुदामा नें यह समझ लिया था। नौ योगिश्वरो के संवाद में भागवत धर्म सनातन के महत्वपूर्ण सिद्धांत समझाया। दत्तात्रेय और महाराज यदु के संवाद से गुरु तत्व दर्शन में कहा कि जीवन मे जिसका ज्ञान सकारात्मक परिवर्तन लाए। वह गुरु और जो जीवन को अध्यात्मिक बनाए वह सदगुरू होता है। कलयुग की चर्चा में कहा कि ज़ब राजा केवल भारवाही हों जाएंगे। लोकहित उनके जीवन मे नहीं रह जाएगा। तब भगवान कल्कि का अवतार होगा। संभल क्षेत्र मथुरा के आसपास ब्राह्मण परिवार मे विष्णु के समान यशस्वी पिता के घर मे ज़ब एक राशि पर सूर्य चंद्र बृहस्पति होंगे तब सतयुग का आगमन होगा। इस मौके पर पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा, सुरेश मिश्र, प्रतीक मिश्र, इंजी अविनाश मिश्र, डा विकास मिश्र, विभाग प्रचारक मनोज, जिला कार्यवाह अतुल सिंह, राजकुमार, रामशंकर द्विवेदी, रामशरण शास्त्री, बृजेश त्रिपाठी, पंकज अग्रवाल, केशव शिवहरे, आनंद शुक्ल, जगदीश गौतम, संतोष मिश्रा आदि मौजूद रहे।
भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली शोभायात्रा
मुख्यालय से सटे गांव चकमाली के बरमबाबा देवस्थान में श्रीमद भागवत सप्ताह के पहले दिन कथास्थल से मां पयस्विनी पुलघाट तक शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा का समापन बरमबाबा देवस्थान में हुआ। कलश स्थापना के बाद अपरान्हे दो बजे से प्रभु नाम संकीर्तन के साथ संगीतमय कथा शुरू हुई। इस मौके पर कथा आयोजक प्रकाश चन्द्र केसरवानी, विश्व हिन्दू परिषद की मातृशक्ति संयोजिका संजुला पांडेय आदि मौजूद रहे।
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