चित्रकूट में डेढ़ वर्षीया मासूम से हैवानियत करने वाले को उम्रकैद
विशेष न्यायाधीश रेनू मिश्रा ने डेढ़ वर्षीया बच्ची के साथ हैवानियत के मामले में भगवानदीन को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास और 5000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। घटना 23 जुलाई 2020 को...
विशेष न्यायाधीश रेनू मिश्रा की अदालत ने डेढ़ वर्षीया दुधमुही बच्ची के साथ हैवानियत करने के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित युवक को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने दोषी युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पांच हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। बहिल पुरवा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने बीते 23 जुलाई 2020 को थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि वह अपने पति एवं ससुर के साथ 23 जुलाई 2020 को खेत में धान लगा रही थी। उसके ससुर खेत में बैलों को लेकर हल चला रहे थे और उसकी सास घर के पास धान के बेड उखाड़ रही थी। इसी दौरान बिजली आपूर्ति बंद होने पर ससुर ने उसे घर जाने को बोला। जब वह घर पहुंची और सास से अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी के संबंध में पूंछा तो बताया कि बिटिया यहीं खेल रही थी। उसकी बेटी को सेमरदहा गांव के मजरा टेकारी का रहने वाला भगवानदीन समोसा खिलाने अपने साथ ले गया है। यह सुनकर वह भगवानदीन के घर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा खुलवाकर देखा तो उसकी बेटी अंदर रो रही थी। बेटी को लेकर वह अपने घर आई और देखा तो नाजुक अंग से खून बह रहा था। उसकी 18 माह की बेटी के साथ भगवानदीन ने हैवानियत की है। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपित भगवानदी को गिरफ्तार किया। मौजूदा समय पर वह जिला कारागार में बंद है। विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले की विवेचना कर न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। न्यायालय ने बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद युवक को दोष सिद्ध करार देते हुए सजा सुनाई।
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