जैविक तरीके से पैदा की गई फसलें स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
चित्रकूट। हिन्दुस्तान संवाद कृषि सूचना तंत्र की मजबूती व कृषक जागरूकता कार्यक्रम योजना से...
चित्रकूट। हिन्दुस्तान संवाद
कृषि सूचना तंत्र की मजबूती व कृषक जागरूकता कार्यक्रम योजना से पारंपरिक रामायण मेले के रैन बसेरा परिसर में गुरुवार को चार दिवसीय किसान मेले व कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ लोनिवि चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने किया। इस दौरान राज्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के लगाए स्टाल व प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती व जीरो बजट की खेती के प्रयोग से तैयार उत्पादन मानव की सेहत व स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती व जैविक खेती के लिए गाय के गोबर, गौमूत्र से बीजामृत, जीवामृत, पंचगब्य, को तैयार कर एक गाय से कम से कम एक एकड़ में कम लागत में रसायनिक खादों के बिना फसल पैदा कर सकते हैं। नीमास्त्र, ब्राम्हास्त्र, अग्नेयास्त्र को गौमूत्र एवं नीम के पत्तों से तैयार कीटनाशकों के प्रयोग करें। इससे पैदा खाद्यान्न, आलू, साग-सब्जी, फल आदि सभी स्वाद व सेहत के लिए लाभदायक है। मृदा मानव पशु-पक्षी के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ता है। वर्तमान में रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के खेतों में प्रयोग से हर्ट, लीवर, किडनी, ब्लड प्रेसर, डायबिटिज व पैक्रियाज आदि पेट से संबंधी बहुत-सी बीमारियों से मनुष्य ग्रसित हैं। गाय आर्थिक, धार्मिक एवं सामाजिक जीवन में आदिकाल से अत्यंत उपयोगी रही है। इसी प्रकार पूर्व में जड़ी, बूटी, आयुर्वेदिक दवाओं, काढ़ा, हल्दी, आवंला का प्रयोग निरोगी व स्वस्थ रहने के लिए किया जाता रहा है। ऐसे में किसान गौमाता की सेवा करते हुए संकल्प लें कि अपने खेतों में कुछ न कुछ क्षेत्र में जैविक खेती अवश्य करें। इस मौके पर उप कृषि निदेशक टीपी शाही, हेमंत प्रताप सिंह, वैज्ञानिक डा चंद्रमणि त्रिपाठी, जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे, सुनील कुमार सिंह, राजेश श्रीवास्तव, पंकज अग्रवाल, ब्रम्हदत्त त्रिपाठी, धर्मेन्द्र कुमार अवस्थी, ख्याली लाल, विमलेश कुमार, गोविन्द यादव, हरिराज सिंह, मौसम वैज्ञानिक डा मनोज शर्मा, दयाशंकर, राजेन्द्र सिंह, अरूण आदि मौजूद रहे। संचालन साकेत बिहारी शुक्ला ने किया।
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