चित्रकूट में कार्तिक पूर्णिमा पर धर्मनगरी में उमड़ा भक्तों का सैलाब
धर्मनगरी चित्रकूट में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मंदाकिनी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया और कामदनाथ के दर्शन किए। प्रशासन ने व्यवस्था बनाई,...
भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा। मंदाकिनी स्नान कर आस्थावानों ने राजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर पहुंचकर भूतभावन भगवान शंकर का जलाभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने भगवान कामदनाथ के दर्शन कर परिक्रमा लगाई। धर्मनगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यूपी-एमपी प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में डटा रहा। कार्तिक पूर्णिमा में मंदाकिनी स्नान का अलग ही महत्व माना जाता है। एक दिन पहले से ही धर्मनगरी चित्रकूट में श्रद्धालुओं का आगमन होने लगा था। शुक्रवार को तड़के तीन बजे से ही श्रद्धालु मंदाकिनी में डुबकी लगाने पहुंचने लगे थे। सुबह करीब छह बजे पूरा रामघाट और भरतघाट के अलावा आरोग्यधाम स्थित घाट श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे हुए थे। मंदाकिनी स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने राजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर पहुंचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। यहां पर सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की जलाभिषेक के लिए लंबी लाइन लगी थी। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, अक्षत, समी, चंदन, पुष्प आदि के साथ जलाभिषेक किया। मंदाकिनी तट पर दान भी किया। इसके बाद भगवान कामदनाथ दरबार पहुंचकर श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से दर्शन-पूजन किया और फिर कामदगिरि परिक्रमा लगाई। श्रद्धालुओं के जत्थे ढ़ोलक और मजीरे के साथ सीताराम नाम संकीर्तन की धुन गाते हुए परिक्रमा लगाते नजर आए। मुख्यालय कर्वी स्थित पुल घाट में मंदाकिनी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। इसी तरह भरतकूप स्थित पवित्र कूप में स्नान के लिए भी श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा।
सुबह घाटों में वाहनों के रोक से श्रद्धालुओं को रही राहत
प्रशासन की ओर से कार्तिक पूर्णिमा को देखते हुए प्रमुख चौराहों समेत धर्मनगरी के घाटों व परिक्रमा मार्ग पर करीब डेढ़ दर्जन चिन्हित स्थलों पर पुलिस टीमें लगाई गई थी। रामघाट में पुलिस टीमों ने सुबह चार बजे से दस बजे तक कोई वाहन नहीं जाने दिया। टेंपो स्टैंड व निर्मोही अखाड़ा गेट के पास से ही वाहनों को रोका गया था। जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। क्योंकि रामघाट सर्वाधिक बाइकों के पहुंचने से जाम की स्थिति बन जाती है। पुलिस अधिकारियों ने भी पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
विधि-विधान से पूजन कर कामदनाथ में जलाए दीप
सुबह परिक्रमा मार्ग में ज्यादा भीड़ नहीं रही। क्योंकि उस दौरान ज्यादातर श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान कर रहे थे। सुबह करीब आठ बजे से भगवान कामदनाथ का दरबार और परिक्रमा मार्ग श्रद्धालुओं की भीड़ से भरे नजर आए। श्रद्धालुओं ने कामदनाथ प्रमुख द्वार, प्राचीन मुखारबिंद व तृतीय द्वार खोही में पहुंचकर विधि विधान से पूजन कर दर्शन किया। इसके साथ ही दीप जलाए। कार्तिक पूर्णिमा में श्रद्धालुओं की भीड़ आने की संभावना को देखते हुए परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह दुकानें भी सजी रही।
कामदनाथ मंदिर में दर्शन के दौरान जेबकतरे को दबोचा
धर्मनगरी में मेला दौरान अक्सर जेबकतरा सक्रिय हो जाते है। हर बार श्रद्धालुओं की जेब कटती है। शुक्रवार को कामदनाथ प्रथम द्वार मंदिर के पास भी ऐसा हुआ। बताते हैं कि श्रद्धालुओं की जेब से पैसा निकालते समय बांदा जिले के बबेरू कस्बा निवासी एक जेबकतरा को दबोच लिया गया। उसे एमपी पुलिस के हवाले किया गया है। पीड़ित अनिल सेंगर के मुताबिक उसकी जेब से पैसा निकालते हुए उसके साथियों ने देख लिया था। इसके बाद मंदिर की सीढ़ियों में चोर को पकड़ लिया गया।
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