चित्रकूट में बोले एमपी के डिप्टी सीएम, लैंगिक समानता के बगैर उन्नति का मार्ग नहीं निकलता
चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सतत् विकास के लक्ष्य सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन में लैंगिक समानता और स्वच्छ ऊर्जा पर चर्चा की जाएगी। डिप्टी सीएम ने कहा...
संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए धर्मनगरी चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान की ओर से आयोजित तीन दिवसीय चौथे अंतर्राष्ट्रीय सतत् विकास के लक्ष्य (एसडीजी) सम्मेलन का शुभारंभ हो गया। एमपी सरकार के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला व कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया समेत अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सम्मेलन में नीति निर्धारक चिंतन करेंगे। जिसमें केन्द्र व एमपी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है। एसडीजी 5 और 7 तथा ग्रामोदय से सर्वोदय के लक्ष्य प्राप्ति में परिवार एक महत्वपूर्ण आधार है, इस पर विचार-विमर्श होगा। डिप्टी सीएम ने कहा कि देश तेजी के साथ विकास पथ पर अग्रसर है। आजादी की 100 वीं वर्ष गांठ पर हम विश्व की पहली अर्थव्यवस्था बन जाएंगे और संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करेंगें। अपनी संस्कृति एवं सभ्यता का संरक्षण एवं संवर्द्धन करना अति आवश्यक है, तभी विकास हमारे लिए वरदान बनेगा। कहा कि लैंगिक समानता के बगैर उन्नति का मार्ग नही निकलता। जहां चाह वहां राह, मजबूत इच्छाशक्ति से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। सभी का सामूहिक प्रयास देश को विश्व गुरु बनाने में सहभागी होगा। उन्होंने मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए किए जा रहे कार्यों के विस्तृत रोडमैप की जानकारी देते हुए कहा कि 2030 तक ऊर्जा के कुल उपयोग के 50 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में सकारात्मक प्रयत्न किया जा रहा है। केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने व्यक्तिगत जीवन की जगह सामाजिक जीवन को प्राथमिकता दी और अपना संपूर्ण जीवन समाज के लिए अर्पित कर दिया। मातृशक्ति का सम्मान एवं उनके सशक्तिकरण के लिए सामूहिक प्रयत्न हमारे जीवन का ध्येय बने। लैंगिक समानता के बिना कोई भी समाज सशक्त एवं समृद्ध नही हो सकता है, इसे हम सभी अपने जीवन मे अपनाएं एवं बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें। कहा कि ऊर्जा के लिए पवन की शक्ति, सूर्य की ऊर्जा, समुद्र की ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कैसे कर सकते है, इस पर विचार करें। अभिताभ वशिष्ठ महाप्रबंधक दीनदयाल शोध संस्थान ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र के सतत् विकास लक्ष्यों को कवर करने के लिए सम्मेलन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, इसके तकनीकी सत्रों में सतत् विकास लक्ष्यों (लैंगिक समानता) और (सतत ऊर्जा) के संबंध में प्रगति लाने के लिए अनिवार्यता पर चर्चा की जाएगी। सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के आधार पर ग्रामीण विकास का जो मॉडल प्रस्तुत किया, वह आज अनुकरणीय है। यह ग्रामीणजनों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बना रहा है। डॉ लोकेश शर्मा ने पॉवर पॉइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से एसडीजी 5 के तहत मध्य प्रदेश शासन द्वारा लैंगिक समानता एवं एसडीजी-7 स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने को पिछले दो दशक में उठाए गए ठोस कदमों एवं उससे प्राप्त हो रहे सकारात्मक परिणामों पर विस्तृत चर्चा किया।
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