चित्रकूट में नहीं आई रैक, डीएपी आने की राह देख रहे किसान
रबी की बुवाई शुरू होने से पहले किसानों को डीएपी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सहकारी समितियों में डीएपी का एक भी दाना उपलब्ध नहीं है और पिछले चार दिन से किसान परेशान हैं। डीएपी की एक रैक आने की...
रबी की बुवाई शुरु होने से पहले ही जिले में डीएपी की किल्लत बनी हुई है। डिमांड के अनुरुप डीएपी न मिलने से किसान बुवाई को लेकर परेशान है। सहकारी समितियों में डीएपी का एक दाना उपलब्ध नहीं है। बफर पूरी तरह से खाली हो चुका है। पिछले चार दिन से डीएपी न होने से किसान सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे है। डीएपी की रैक शनिवार की रात तक आने की संभावना जताई गई है। इसके बाद ही किसानो को डीएपी मिल पाएगी। डीएपी की उपलब्धता न होने से रबी की बुवाई पूरी तरह प्रभावित है। नवंबर माह का तीसरा सप्ताह बीत चुका है। बुवाई के लिए खेत तैयार पड़े है। जिनकी नमी भी खत्म होती जा रही है। बुवाई बिलंब होती देख किसान चिंतित नजर आ रहे है। देखा जाए तो रबी सीजन में इस वर्ष शुरुआती दौर से ही किसान डीएपी किल्लत से जूझ रहे है। इस बार रबी सीजन में अब तक एक ही रैक डीएपी आई है। इसके अलावा बफर में पहले से उपलब्ध डीएपी का वितरण किया गया है। खास बात यह है कि 6519 एमटी डीएपी सहकारिता को दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिसके सापेक्ष केवल 2233 एमटी डीएपी ही अभी तक मिली है। जिसका वितरण हो चुका है। सहकारी समितियों में इस समय केवल यूरिया की उपलब्धता बताई जा रही है। डीएपी न होने से समितियों में किसान चक्कर काटने को मजबूर है। जिम्मेदार किसानों को प्राइवेट में उपलब्ध खाद को गुणवत्ता युक्त बताकर उसी रेट में खरीदने की सलाह दे रहे है, लेकिन यहां के किसानों को प्राइवेट दुकानो में मिल रही खाद पर भरोसा नहीं है। वह केवल सहकारी समितियों से मिलने वाली खाद को ही लेने के लिए तैयार हो रहे है।
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