चित्रकूट में रात तक समितियों में पहुंचेगी डीएपी, आज से होगा वितरण
Chitrakoot News - रबी की शुरुआत से ही किसानों को डीएपी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं की बुवाई के लिए खेत तैयार हैं, लेकिन डीएपी न मिलने से किसान मायूस हैं। कुछ समितियों में दूसरी कंपनी की खाद पहुंची है, जबकि...
रबी की शुरुआत से ही डीएपी के लिए परेशान किसानों की समस्या अभी तक दूर नहीं हो पाई है। किसान बुवाई के लिए डीएपी को लेकर चक्कर काट रहे है। धान कटने के बाद खाली पड़े खेतों में गेहूं की बुवाई होनी है। देखा जाए तो रबी की बुवाई का आखिरी दौर है। फिर भी समितियो में डीएपी न होने से किसानों को मायूस होना पड़ रहा है। कुछ समितियों में दूसरी कंपनी की खाद पहुंचने पर काफी किसानो ने लिया है। इसके लिए भी किसानों की लाइनें लगी रही। इस वर्ष रबी सीजन में करीब 3600 एमटी डीएपी का वितरण अब तक समितियों से किया जा चुका है। जबकि 1100 एमटी डीएपी रविवार की शाम तक बांदा पहुंच रही है। जिसमें 34 समितियों को सीधे रैक से डीएपी पहुंचाने की योजना जिला प्रशासन ने बनाई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि सुबह तक काफी समितियों में डीएपी पहुंचने के बाद मंगलवार से वितरण शुरु होगा। किसान समितियों से मिलने वाली डीएपी आने का इंतजार भी कर रहे है। वैसे देखा जाए तो इस समय गेहूं की बुवाई करीब 40 फीसदी शेष रह गई है। इस वर्ष 73 हजार हेक्टेयर में गेहूं बुवाई का लक्ष्य निर्धारित है। जिसके सापेक्ष 52 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई के दावे किए जा रहे है। हालांकि धरातल में देखा जाए तो बुवाई के लिए खेत खाली पड़े है। किसानों का कहना है कि डीएपी के अभाव में बुवाई प्रभावित है। तैयार पड़े खेतों की नमी भी खत्म होती जा रही है। बिलंब बुवाई होने से उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।
चकौंध और पहाड़ी में खाद लेने का डटे रहे किसान
किसान डीएपी के लिए सुबह से ही सर्दी में ठिठुरते हुए सहकारी समितियों में पहुंच रहे है। लेकिन समितियों में डीएपी न होने से उनको मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। एक दिन पहले रविवार को सहकारी समिति उत्तरी व दक्षिणी पहाड़ी के अलावा चकौंध आदि में कुछ मात्रा में डीएपी पहुंचाई गई है। जिसका मंगलवार को वितरण किया गया। हालांकि पहाड़ी में दूसरी कंपनी की डीएपी वितरण की बात सामने आई है। चकौंध में खाद लेने के लिए किसानों की लंबी लाइन लगी रही है।
तिरहार क्षेत्र में बुवाई को लेकर किसान चिंतित
राजापुर तहसील क्षेत्र के यमुना किनारे तिरहार क्षेत्र में अभी काफी रकबा बुवाई के लिए खाली पड़ा है। बताते हैं कि सरधुवा इलाके में किसान डीएपी आने का इंतजार कर रहे है। तिरहार क्षेत्र में काफी किसान चिल्लीमल पंप कैनाल की वजह से धान की काफी खेती करते है। धान की कटाई के बाद खेत खाली होने पर किसानों को गेहूं की बुवाई करना है। किसानों ने पलेवा के बाद खेतों की जुताई कर बुवाई के लिए तैयार कर लिया है। लेकिन डीएपी न मिलने से वह बुवाई नहीं कर पा रहे है।
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