चित्रकूट में छत्तीसगढ़ के किसानों ने देखा प्राकृतिक खेती के तौर-तरीके
Chitrakoot News - चित्रकूट के किसान प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हैं। छत्तीसगढ़ से किसानों का एक दल कृषि पद्धतियों को देखने आया। पिछले पांच वर्षों में लगभग पांच हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती अपनाई है। उन्होंने जीवामृत,...
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चित्रकूट, संवाददाता। जनपद चित्रकूट के किसान लगातार प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर है। जिसका नमूना देखने के लिए दूसरे प्रांतों के किसान आ रहे है। प्राकृतिक कृषि के तौर-तरीके जानने और सीखने के लिए छत्तीसगढ़ से किसान धर्मनगरी चित्रकूट पहुंचे। किसानों ने भ्रमण के दौरान प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को देखा और समझा।
छत्तीसगढ़ के भाटापारा से मितान प्रोड्यूसर कृषक उत्पादन संगठन की अगुवाई में किसानों का दल मानिकपुर ब्लॉक में प्राकृतिक खेती देखने पहुंचे। अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान की ओर से मानिकपुर ब्लॉक में बीते पांच वर्ष से किसान प्राकृतिक खेती कर रहे है। अब तक संस्थान के सहयोग से लगभग पांच हजार किसानों ने इस पद्धति को अपनाया है। ऐसे ही किसानों से मिलने, उनके कृषि के तौर तरीको को देखने, समझने के लिए अंबुजा फाउंडेशन सहायतित मितान प्रोड्यूसर कृषक उत्पादन संगठन के 15 किसान अपने शैक्षिणिक भ्रमण पर आए। इन किसानों ने सकरौहा में महिला किसान सरिता कुशवाहा से भेंटकर उनके द्वारा तैयार प्राकृतिक कृषि केंद्र का अवलोकन किया। सभी ने जीवामृत, घन जीवामृत, नीमास्त्र आदि को देखा। उसको बनाने, प्रयोग करने की विधि को जाना और समझा। गिदुरहा में पीएम चरण से तैयार नैनो बागवानी, मल्टीलेटर कृषि का अवलोकन किया। इस पद्धति के संबंध में सभी को बताया गया। किसानों ने दोनों जगह कई प्रश्न किए। संस्थान के क्षेत्रीय कार्यालय मानिकपुर में महिला उत्पादक संगठन पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र पर सभी किसान शामिल हुए। कार्यक्रम सह समन्यवयक संजय शुक्ल ने प्राकृतिक खेती की उनको जानकारी दी। बताया गया कि गांव की महिलाओं का एक संगठन बनाया जाएगा। जिसमें पांच से लेकर 25 महिलाएं शामिी होंगी। जो कि एक तरह का ही उत्पाद तैयार करती हों, उनको जोड़कर उनके तैयार उत्पाद को एकत्रकर सही दाम दिलाने का प्रयास किया जाएगा। प्रशिक्षक नरेश ने भी खेती के संबंध में अवगत कराया। इस दौरान विजय, कृषि विशेषज्ञ गुरुदयाल, विश्वदीप, सोनपाल, भारती, अनीस आदि मौजूद रहे।
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