चाइल्ड पोनोग्राफी: 16 स्कूलों के बच्चे भी जांच के दायरे में, काउंसलिंग की तैयारी
- साइबर पुलिस ने आरोपी किशोर के मोबाइल फोन से कुछ और डाटा रिकवर करने के लिए उसे लखनऊ के फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। डाटा मिलने के बाद पुलिस बाल सुधार गृह में जाकर आरोपी छात्र से पूछताछ कर सकती है। साइबर पुलिस आरोपी किशोर के मोबाइल से मिले रिकॉर्ड के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है।
Action against child pornography: चाइल्ड पोर्न वीडियो बेचे जाने के मामले में गोरखपुर में पकड़े गए चौरीचौरा इलाके के किशोर के संपर्क में 16 स्कूलों के किशोरों के होने की जानकारी मिली है। अब यह वीडियो को सिर्फ दोस्ती में लिए है या फिर खरीद-फरोख्त में थे, इसकी जांच होनी है। फिलहाल, इसकी पूरी जानकारी कर साइबर पुलिस काउंसलिंग की तैयारी में है, ताकि बच्चों के भविष्य को सुधारा जा सके।
उधर, साइबर पुलिस ने आरोपी किशोर के मोबाइल फोन से कुछ और डाटा को रिकवर करने के लिए उसे लखनऊ के फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। वहां से डाटा मिलने के बाद पुलिस बाल सुधार गृह में जाकर छात्र से पूछताछ कर सकती है। साइबर पुलिस अबतक आरोपी किशोर के मोबाइल से मिले रिकॉर्ड के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। एक्सपर्ट का कहना है कि व्हाट्सएप, इंस्ट्राग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अधिकृत मेल पर ईमेल कर जल्द से जल्द आईपी एड्रेस मांगा है। आईपी एड्रेस मिलने के बाद ग्रुप के एडमिन की जानकारी हो जाएगी, फिर पुलिस वहां तक पहुंचेगी। वहीं, पुलिस ने बैंक एकाउंट का डिटेल मांगा है, जो अभी तक पुलिस को नहीं मिल पाया है। पुलिस को जिन लोगों का लिंक मिला है, उनकी जांच अभी कर रही है। क्योंकि इस मामले में सभी किशोर ही सामने आए है, इस वजह से पहले साक्ष्य जुटाया जा रहा है, फिर कार्रवाई होगी।
यह है मामला
चौरीचौरा तहसील के फुटहवा इनार क्षेत्र के रहने वाले 11वीं के छात्र ने पूरे देश में चाइल्ड पोनोग्राफी के करीब चार हजार वीडियो बेचे हैं। लखनऊ से मिली गोपनीय सूचना के बाद आरोपित किशोर पर साइबर थाने में केस दर्ज किया गया। पकड़े गए 17 वर्षीय किशोर ने पुलिस को टेलीग्राम पर दोस्त बने राज नाम के एक युवक के बारे में बताया, जिससे उसे पोर्न वीडियो मिलते थे। वह 30 प्रतिशत कमीशन पर वीडियो सोशल मीडिया ग्रुपों पर बेचता था। साइबर पुलिस ने आरोपित के मोबाइल फोन को जब्त कर उसे बाल सुधार गृह भेजा है और मामले की जांच कर रही है।