Hindi NewsUttar-pradesh NewsChandauli NewsSrimad Bhagwat Katha Continues in PDDU Nagar Spiritual Revelations Shared

श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर श्रोता दिखे भावविभोर

Chandauli News - श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर श्रोता दिखे भावविभोर श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर श्रोता दिखे भावविभोर श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर श्रोता दिखे भावविभोर श्रीमद्भा

Newswrap हिन्दुस्तान, चंदौलीTue, 24 Sep 2024 01:21 AM
share Share
Follow Us on
श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर श्रोता दिखे भावविभोर

पीडीडीयू नगर, संवाददाता नगर के पटेलनगर स्थित आर्शीवाद वाटिका में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान कथा वाचक ने भागवत कथा श्रवण कराकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।

वृन्दावन से आये पंडित राम बिहारी शुक्ल ने कथा श्रवण कराते हुए कहा श्री मद्भागवत कथा वेद रुप कल्पवृक्ष है, श्री शुकदेव रुपी तोते के मुख से सम्बन्ध हो जाने से यह परमानंदमयी शुधा से परिपूर्ण हो गया है। कहा तब तक शरीर में चेतना रहे तब तक दिव्य भागवत रस का पान करना चाहिए। यह पृथ्वी पर ही सुलभ है शुकदेव जी महाराज जन्म लेते ही वन को प्रस्थान कर गये। श्री मद्भागवत के शुकदेव कोई साधारण प्राणी नहीं, बल्कि श्रीराधा जी द्वारा लालित पालित शुक है, एक बार राज राजेश्वरी श्रीराधा रानी जब श्रीहरि के साथ व्रज मंडल मे अवतरित होने लगी। तब शुक भी साथ चलने के लिए लालायित हो गये, शुकदेव जी राधा रानी से बोली शुक हम अभी व्रजभूमि मे लीला करने जा रहे है। शुक व्यास जी के पुत्र के रूप मे जन्म लेकर भगवान श्री कृष्ण के कथा का गान करने लगे। शुक्राचार्य जी का जन्म व्यास जी की पत्नी आरुणी से हुआ। शुकदेव जी अपनी माता जी गर्भ मे 12वर्ष तक रहे। जब पिता व्यास ने बाहर आने के लिए बोले तब शुक जी बोले पृथ्वी में भगवान हरि की माया विराजती है, वह जीव विवेक को हर लेती है। वेद व्यास जी ने भगवान हरि का आह्वान किया, तब भगवान श्री हरि प्रगट होने पर शुक जी ने जन्म लिया और जन्म लेते ही माया से अनासक्त हो कर वन में चल गये। कथा में मुख्य जजमान मुरली,मुसाफिर मिश्रा, विश्वजीत घोष, पंडित सुरेन्द्र नाथ तिवारी, सतीष तिवारी, सन्तोष कुमार तिवारी आदि उपस्थित रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें