कलयुग के प्रभाव ने राजा परीक्षित को भी धर्म से दूर किया
Chandauli News - मारूफपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य गणेश त्रिपाठी जी ने राजा परीक्षित और शुकदेव के संवाद का प्रसंग सुनाया। कथा के दौरान ईश्वर के 24 अवतारों का वर्णन सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो गए।...

टांडाकला, हिन्दुस्तान संवाद मारूफपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य गणेश त्रिपाठी जी महाराज ने राजा परीक्षित शुकदेव संवाद के प्रसंग को सुनाया। ईश्वर के 24 अवतारों का वर्णन सुन श्रोता भाव-विभोर हो गये। कथा वाचक आचार्य गणेश त्रिपाठी जी महाराज ने राजा परीक्षित संवाद, शुकदेव जन्म सहित अन्य प्रसंग सुनाया। कहा कि कलयुग के प्रभाव ने राजा परीक्षित को भी धर्म से दूर किया।
कथावाचक ने शुकदेव परीक्षित संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार परीक्षित महाराज वन में चले गए। उनको प्यास लगी तो समीक ऋषि से पानी मांगा। ऋषि समाधि में थे, इसलिए पानी नहीं पिला सके। परीक्षित ने सोचा कि साधु ने अपमान किया है। उन्होंने मरा हुआ सांप उठाया और समीक ऋषि के गले में डाल दिया। यह सूचना पास में खेल रहे बच्चों ने समीक ऋषि के पुत्र को दी। ऋषि के पुत्र ने शाप दिया कि आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प आएगा और राजा को जलाकर भस्म कर देगा। समीक ऋषि को जब यह पता चला तो उन्होंने दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो महान धर्मात्मा राजा परीक्षित हैं और यह अपराध इन्होंने कलियुग के वशीभूत होकर किया है। समीक ऋषि ने जब यह सूचना जाकर परीक्षित महाराज को दी तो वह अपना राज्य अपने पुत्र जन्मेजय को सौंपकर गंगा नदी के तट पर पहुंचे। वहां बड़े ऋषि, मुनि देवता आ पहुंचे और अंत में व्यास नंदन शुकदेव वहां पहुंचे। शुकदेव को देखकर सभी ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा के दौरान धार्मिक गीतों पर श्रद्धालु जम कर झूमे। कथा में दूसरे दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा सुनने पहुंचे। इस दौरान मुख्य रुप से राममूर्ति पाण्डेय, दिवाकर पाण्डेय, अवधेश पाण्डेय, राकेश पाण्डेय, नागेंद्र मिश्रा, अखिलेश पाण्डेय, उमेश पाण्डेय, रामजी यादव, ओमप्रकाश यादव, नन्दलाल शर्मा, राजनाथ यादव उपस्थित रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।