बारिश के बाद पारा गिरने से गलन बढ़ी
Chandauli News - गंगा के तटीय क्षेत्र में कड़ाके की ठंड ने आलू किसानों की समस्याएं बढ़ा दी हैं। घने कोहरे और पाले के कारण फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि पौधों की वृद्धि रुक गई है और उनका...
धानापुर, हिन्दुस्तान संवाद। गंगा के तटीय क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आलू किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। घना कोहरा और अत्यधिक ठंड के साथ पाले के कारण आलू की ज्यादातर फसल में झुलसा रोग पकड़ने का खतरा बढ़ गया है। कई जगह खेत में आलू के पौधे पीले होने लगे हैं। जिससे किसानों के माथे पर बल पड़ने लगा है। अब वे अपनी फसल को बचाने का उपाय ढूंढ़ने में जुट गये हैं। पपरौल के किसान सुरेश कहते हैं कि उन्होंने करीब डेढ़ बीघे खेत में आलू की खेती की है। शुरुआती दिनों में आलू के पौधे हरे थे और उनकी बढ़ोतरी भी तेजी के साथ हो रही थी। लेकिन इधर जबसे ठंड बढ़ी है, तबसे पौधों की बढ़ोतरी रुक सी गई है और उपर से पौधों का रंग भी पीला होने लगा है। फसल की रंगत देखकर उनकी चिंता बढ़ गयी है। इसी तरह से हिंगुतरगढ़ गांव के किसान अंगद यादव कहते हैं कि उन्होंने भी आलू की थोड़ी सी खेती की हुई है। पौधे अभी काफी छोटे छोटे हैं और ठंड भी काफी बढ़ गयी है। पौधों की वृद्धि रूक सी गयी है। धूप निकलती रही तब तो फसल अच्छी हो सकती है और अगर ठंड अत्यधिक पड़ती रही और ऊपर से शीत लहर शुरु हो जाए तो इन पौधों को बचा पाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी इसी खेत में आलू की खेती की थी लेकिन पाला के कारण पूरी फसल झुलसा रोग की चपेट में आ गयी थी। जिससे उपज अच्छी नहीं हुयी थी।
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