अनलॉक-2 के साथ खुले परिषदीय विद्यालय
अनलॉक-2 के साथ ही एक जुलाई से परिषदीय विद्यालय खुल गए हैं। हालांकि अभी सिर्फ शिक्षकों के ही उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। कोरोना संक्रमण की डर से पहले दिन बुधवार को अधिकांश विद्यालयों में...
अनलॉक-2 के साथ ही एक जुलाई से परिषदीय विद्यालय खुल गए हैं। हालांकि अभी सिर्फ शिक्षकों के ही उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। कोरोना संक्रमण की डर से पहले दिन बुधवार को अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति नगण्य रही। कई स्कूलों में ताला लटका रहा। वहीं कुछ स्कूलों में एक्का-दुक्का अध्यापक पहुंचे। इससे विद्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा।
जिले में कुल 993 प्राथमिक व 470 पूर्व माध्यमिक हैं। इसमें करीब सात हजार शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं 2 लाख 16 हजार बच्चे पठन-पाठन करते हैं। कोरोना महामारी के चलते मार्च माह में ही विद्यालय बंद हो गए। शासन ने एक जुलाई विद्यालय खोलने का फरमान जारी कर दिया है। वहीं स्कूलों में कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए सिर्फ शिक्षकों को उपस्थित रहने का निर्देश है। अभी बच्चों को स्कूल नहीं जाना है। लेकिन पहले ही दिन अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक नहीं पहुंचे। कई गांवों में परिषदीय विद्यालयों को क्वारंटीन सेंटर बना दिया गया था। अब तक इन केंद्रों का सेनेटाइज नहीं कराया गया है। विद्यालयों की साफ-सफाई भी नहीं कराई गई है। कई स्कूलों में गंदगी पसरी रही। शिक्षकों में कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत बना है। इसी वजह से गिने-चुने विद्यालयों में ही पहले दिन शिक्षक पहुंचे। कई तो गैर जिले में फंसे होने के कारण नहीं आए। विद्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा।
प्रधान ने कराया सेनेटाइज
सदर ब्लॉक के जसुरी गांव प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बाहर से आने वाले प्रवासियों को रखने के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था। इसमें ठहरे एक प्रवासी में कोरोना संक्रमित भी मिला था। उस समय प्रधान प्रतिनिधि सुजीत सिंह पप्पू ने जिला प्रशासन के सहयोग से पूरे स्कूल को सेनेटाइज करवाया था। लेकिन प्रवासियों के जाने के बाद प्रधान प्रतिनिधि ने अपने खर्चे से स्कूल को सेनेटाइज कराया था।
हॉट स्पॉट में जाने से बना डर
शहाबगंज। विकास खंड क्षेत्र के राममाड़ों, अमांव, सिहर, मनकपड़ा, जेंगुरी, केरायगांव, भैंसासुर आदि गांव हॉट स्पॉट घोषित हैं। इन गांवों के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को जाने में कोरोना संक्रमण का डर बना है। वहीं क्वारंटीन सेंटन बने विद्यालयों का अब तक सेनेटाइज तक नहीं कराया गया है। शिक्षकों का कहना है कि लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है। सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना वर्तमान में खतरा है। शिक्षकों ने पहले विद्यालयों की सफाई व सेनेटाइज कराने की मांग की है।
एक जुलाई से परिषदीय विद्यालय खुल गए हैं। अभी सिर्फ शिक्षकों को आने का आदेश है। पहले दिन शत प्रतिशत अध्यापक नहीं पहुंचे। उन्हें विद्यालयों में नियमित रूप से पहुंचने की हिदायत दी गई है। सोशल डिस्टेंस, मास्क लगाने व अन्य गाइड लाइन का पालन करने को कहा गया है। स्कूलों की साफ-सफाई व सेनेटाइज लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा गया है। ...भोलेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए।
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