Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़चंदौलीDivine Narration of Dhruv Charitra at Shrimad Bhagwat Katha in Masoi Village

कथा व्यास ने सुनाई ध्रुव के भक्ति की कथा

मसोई गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन, कथा व्यास श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री ने ध्रुव चरित्र सुनाया। ध्रुव ने अपनी सौतेली मां की बातों के बाद भगवान का भजन करने का निर्णय लिया। नारद मुनि से...

Newswrap हिन्दुस्तान, चंदौलीMon, 18 Nov 2024 05:58 PM
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शहाबगंज, हिन्दुस्तान संवाद। विकास खण्ड के मसोई गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास वृन्दावन से पधारे श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री ने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई। कहा कि उत्तानपाद की दो पत्नियां थीं सुनीति और सुरुचि। सुनिति के बेटे का नाम ध्रुव था और सुरुचि के बेटे का नाम उत्तम था। एक बार उत्तानपाद सिंहासन पर बैठे हुए थे। ध्रुव भी खेलते हुए राजमहल में पहुंच गये। उस समय उनकी अवस्था पांच वर्ष की थी। उत्तम राजा उत्तानपाद की गोदी में बैठा हुआ था। ध्रुव जी भी राजा की गोदी में चढ़ने का प्रयास करने लगे। उन्होंने कहा कि सुरुचि को अपने सौभाग्य का इतना अभिमान था कि उसने ध्रुव को डांटा इस गोद में चढ़ने का तेरा अधिकार नहीं है। अगर इस गोद में चढ़ना है तो पहले भगवान का भजन करके इस शरीर का त्याग कर और फिर मेरे गर्भ से जन्म लेकर मेरा पुत्र बन। तब तू इस गोद में बैठने का अधिकारी होगा। ध्रुव जी रोते हुए अपनी मां के पास आये। मां को सारी व्यथा सुनाई। सुनीति ने सुरुचि के लिये कटु-शब्द नहीं बोले, उसे लगा यदि मैं उसकी बुराई करुंगी तो ध्रुव के मन में हमेशा के लिये वैर-भाव के संस्कार जग जायेंगे। सुनिति ने कहा ध्रुव तेरी विमाता ने जो कहा है, सही कहा है। बेटे यदि भिक्षा मांगनी है तो फिर भगवान से ही क्यों न मांगी जाय। भगवान तुझ पर कृपा करेंगे, तुझे प्रेम से बुलायेंगे, गोद में भी बिठाएंगे। अब तुम वन में जाकर नारायण का भजन करो। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि बालक ध्रुव मां का आदेश प्राप्त करके चल पड़े। जैसे ही चले भगवान के रास्ते पर, नगर से बाहर निकलते ही उनको देवर्षि नारद मिल गये। देवर्षि द्वारा दिए गए मन्त्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जप करते हुए तीन माह के घोर तपस्या के उपरांत जगत के पालनहार श्री हरि भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए। व्यास जी ने कहा कि साध्य के लिए साधन की नितांत आवश्यकता है। कथा में क्षेत्र के दर्जनों गांव के महिला-पुरुष भाग ले रहे हैं।

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