कजरी प्रतियोगिता में कलाकारों ने बांधा समां
चकिया में लतीफशाह मेले के अवसर पर कजरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें पूर्वांचल और बिहार के कलाकारों ने भाग लिया। विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि कजरी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है, जिसे...
चकिया, हिन्दुस्तान संवाद । चकिया के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरातल पर सन् 1914 ई0 से परम्परागत राष्ट्रीय एवं सद्भावना के प्रतीक मेला लतीफशाह के अवसर पर सोमवार को नगर पंचायत की ओर से उपजिलाधिकारी आवास परिसर में कजरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। श्रीकृष्ण की बरही के उपलक्ष्य में 111वें वर्ष में पूर्वांचल समेत बिहार प्रान्त से आये लोकगीत और कजरी कलाकारों ने विषय आधारित प्रतियोगिता में भाग लिया। कजरी प्रतियोगिता के विषय काकोरी ट्रेन एक्शन,कन्हाई के बचाई लजिया,तिरंगा नित जगावे हमके ,लीला रास रंग के राधा संग रचाके ,एक पेड़ मां के नाम,अबकी झुमी के बरसल पानी के लेखकों द्वारा रचित कजरी के विविध स्वरुपों का प्रस्तुतिकरण गायक, कलाकारों ने कजरी महोत्सव में किया। कजरी महोत्सव का उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य और एसडीएम दिव्या ओझा ने दीप प्रज्वलित कर और फीता काटकर किया। इस अवसर पर विधायक ने कहा कजरी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। जिसे संरक्षित करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत चकिया कजरी महोत्सव के जरिये कजरी के विभिन्न विधाओं का संरक्षण करने में लगी है। कजरी महोत्सव के दौरान अवधेश सिंह ,मंगल मधुकर ,अवनीश दुबे, पप्पू राजा ,गरिमा यादव सहित दर्जनों कलाकार अपना गायन प्रस्तुत किये। प्रतियोगिता में 49 गायक कलाकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में मनोज द्विवेदी,सुभाष कवि और रामवचन यादव शामिल थे। समारोह में वृक्ष बंधु परशुराम सिंह, भाजपा जिला महामंत्री उमाशंकर सिंह एडवोकेट, सुधाकर कुशवाहा, शिव रतन गुप्ता,मीना विश्वकर्मा, ज्योति गुप्ता, बादल सोनकर, अमरदीप मोदनवाल,विजय वर्मा,उमेश चौहान, रवि गुप्ता,केशरी नन्दन ,आशु गुप्ता,अजय राय , एकरामुलहक, गुलाब मौर्या, रोहित विश्वकर्मा, मुकेश श्रीवास्तव, राकेश रोशन, प्रकाश विश्वकर्मा आदि गणमान्य मौजूद रहे। महोत्सव का संचालन नरेन्द्र श्रीवास्तव और आशुतोष मिश्रा ने किया।
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