पराली जलाने पर किसानों से वसूला जाएगा जुर्माना
चंदौली। संवाददाता पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने के कारण होने वाले पर्यावरण
चंदौली। संवाददाता पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम की कवायद की जा रही है। जिले में यदि इसका उल्लंघन किया गया तो दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पांच से 30 हजार रुपये तक जुर्माना देना लगाया जा सकता है। वहीं बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन चालकों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा। डीएम निखिल टी फुंडे ने इस पर कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है।
जिले में किसान धान की कटाई में तेजी से जुट गए हैं। साथ ही गेहूं की बुआई में भी लग गए हैं। वहीं जिला प्रशासन के निर्देश पर कृषि विभाग किसानों को धान की फसल अवशेष जलाने से बचने के लिए जागरुक कर रहा है। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के साथ पूरक रूप में बायो-डीकंपोजर के पाउडर के उपयोग को दे बढ़ावा दे रहा है। उप कृषि निदेशक भीमसेन ने कहा कि पराली (धान की पुआल) जलाने की घटनाओं के रोकथाम के लिए जिला स्तर पर अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में और तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सचल दस्ता गठित किया गया है। जो पराली जलाने की घटनाओं का निरीक्षण करेगी। न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विभाग के कर्मचारी एवं राजस्व विभाग के लेखपालों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है। यह फसलों को जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करेंगे। पराली न जलाकर इसको जैविक खाद में परिवर्तित करने के लिए जिले में 5000 वेस्ट डिकम्पोजर का वितरण किया जा रहा है। इसे किसान अपने ब्लाकस्तरीय बीज गोदाम से प्राप्त कर सकते हैं। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन की योजना के तहत कृषि यन्त्रों पर व्यक्तिगत कृषकों के लिए अधिकतम दो यंत्रों पर 50 प्रतिशत एवं व्यक्तिगत कृषक एवं एफपीओ को कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए 80 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान किया गया है। कहा कि किसान पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने को रोकने के लिए कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर व स्ट्रा रेक एवं बेलर का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन चालकों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अधीन कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पराली जलाने वाले किसानों से 2 एकड़ से कम क्षेत्र पर पांच हजार रपये, 2 से 5 एकड क्षेत्र पर 10 हजार और 5 एकड से अधिक क्षेत्र पर 30 हजार तक जुर्माना वसूल किया जाएगा।
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