खानपान और कब्ज से हो सकती है बवासीर की बीमारी
सकलडीहा में विश्व अर्श दिवस पर एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ आनन्द विद्यार्थी ने गुद रोगों जैसे बवासीर, भगंदर और फिशर के लक्षण, निदान और शल्य चिकित्सा की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया...
सकलडीहा, हिन्दुस्तान संवाद विश्व अर्श (बवासीर) दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कस्बा स्थित निजी अस्पताल के वरिष्ठ गुदारोग एवं उदररोग शल्य विशेषज्ञ (सर्जन) डॉ आनन्द विद्यार्थी की अध्यक्षता में एक जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर गुद रोगों जैसे अर्श (बवासीर), भगंदर (फिस्चुला), फिशर व प्रोलेप्स आदि रोगों और उनके लक्षण, निदान और शल्य चिकित्सा के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। डॉ विद्यार्थी ने बताया कि गुद रोगों के उत्पन्न होने का मूल कारण विकारपूर्ण भोजन जैसे फास्ट फूड, पैकेट बंद खाद्य पदार्थ तथा तेल मसालेयुक्त भोजन के अधिक प्रयोग से कब्ज तथा ग्रहणी रोग पैदा होते हैं। कालांतर में बवासीर, भगंदर और फिशर जैसे अत्यंत कष्टकारी , जीर्ण तथा कष्टसाध्य रोगों की उत्पत्ति होती है। उन्होंने यह भी बताया कि तनाव के साथ कब्ज होने भर से भी बवासर हो सकता है। स्त्री प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ वंदना विद्यार्थी ने बताया कि महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान सिर्फ खान-पान के दोष के कारण कब्ज होना सामान्य रोग हो गया है। इस मौके पर डॉ पीएन तिवारी, डॉ संजय त्रिपाठी, डॉ प्रभुनाथ दुबे व डॉ वंदना विद्यार्थी सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।
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