बनारस के DRM ऑफिस में CBI की रेड, रेल अफसर को दबोचा; ठेकेदार से कमीशन मांगने का आरोप
- सीबीआई पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के डीआरएम ऑफिस पर छापा मार वरिष्ठ मंडल अभियंता (सीनियर डीईएन-द्वितीय) सत्यम कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। अभियंता पर पटरी मरम्मत के भुगतान के एवज में ठेकेदार से दो लाख रुपये कमीशन मांगने का आरोप है।
CBI Raid in Varanasi: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार दोपहर पूर्वोत्तर रेलवे (वाराणसी मंडल) के लहरतारा स्थित डीआरएम कार्यालय पर छापा मार वरिष्ठ मंडल अभियंता (सीनियर डीईएन-द्वितीय) सत्यम कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। अभियंता पर पटरी मरम्मत के भुगतान के एवज में ठेकेदार से दो लाख रुपये कमीशन मांगने का आरोप है। ठेकेदार की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई की। उधर, देर रात रेलवे प्रशासन ने अभियंता को निलंबित कर दिया है।
मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे सीबीआई टीम डीआरएम दफ्तर पहुंची। टीम सीधे वरिष्ठ मंडल अभियंता के कक्ष में पहुंची और कमरा बंद कराकर एक घंटे तक गहन पूछताछ की। लैपटॉप और मोबाइल कब्जे में ले लिया। कई रजिस्टर कब्जे में ले लिये। करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक कार्रवाई के बाद अभियंता को हिरासत में लेकर उसके लखरांव (भेलूपुर) स्थित आवास पर पहुंची। यहां से भी लैपटॉप, कंप्यूटर और आलमारी की छानबीन की। टीम अभियंता को अपने साथ लखनऊ ले गई।
निजी सुरक्षाकर्मी लेकर चलता था सत्यम सिंह
सीबीआई की गिरफ्त में फंसा पूर्वोत्तर रेलवे (वाराणसी मंडल) का वरिष्ठ मंडल अभियंता (द्वितीय) सत्यम कुमार सिंह हमेशा निजी अंगरक्षक लेकर चलता था। इससे उसके रसूख का अंदाज लगाया जा सकता है। डीआरएम कार्यालय में उसके तेवर हमेशा चर्चा में रहते थे।
कुछ समय पहले सत्यम सिंह रेलवे के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) से संबद्ध था। वहां के बाद उसे पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में सीनियर डीईएन-2 पद पर तैनाती मिली। वह रेलवे के बंगले में न रहकर भेलूपुर में किराए के फ्लैट में रहता था। सूत्रों के अनुसार सीबीआई टीम जल्द ही उसके फ्लैट पर भी जांच-पड़ताल करेगी।
दो लाख कैश मिलने की भी चर्चा
लखनऊ से मंगलवार दोपहर में पहुंची सीबीआई टीम ने सत्यम को पकड़ने की सुनियोजित रणनीति बनाई। उसके चेम्बर में दाखिल होने से पहले आसपास के कार्यालयों का जायजा लिया। फिर सत्यम के पास पहुंची। उसके मोबाइल, लैपटॉप में मिले ठोस सबूतों के आधार पर उसे पकड़ा गया। उसके चेम्बर की आलमारी सील कर दी गई है। उसके पास से दो लाख रुपये मिलने की भी चर्चा रही हालांकि इसकी पुष्ट नहीं हो सकी।
घूस लेते पकड़े गए थे बरेका के एक्सईएन
करीब दो वर्ष पहले बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के सिविल विभाग के अधिशासी अभियंता ओमप्रकाश सोनकर को सीबीआई ने ठेकेदार से घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। उनके आवास पर छापेमारी में नकदी, जेवर आदि बरामद हुए थे। बाद में ओमप्रकाश को बर्खास्त कर दिया था।
ट्रैक और बिल्डिंग मेंटिनेंस का था जिम्मा
वाराणसी। सीबीआई की गिरफ्त में आया अभियंता मूल रूप से मिर्जापुर का रहने वाला है और इंडियन रेलवे इंजीनियरिंग सर्विसेज (आईआरएसई) से चयनित हुआ था। तकरीबन दो वर्ष से पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल कार्यालय में तैनात सत्यम औड़िहार से छपरा तक ट्रैक और बिल्डिंग मेंटीनेंस का काम देखता था। चर्चा है कि ट्रैक मरम्मत के भुगतान की एक फाइल उसने लंबे समय से लटका रखी थी। भुगतान के एवज में संबंधित ठेकेदार से वह कमीशन मांग रहा था।