यूपी में कस्तूरबा विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की मुहिम को झटका, बेटियों के हॉस्टल का काम अटका
- बालिकाओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रदेशभर के 149 कस्तूरबा विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की योजन तैयार की गई थी। इस योजना के तहत इन विद्यालयों में एकेडमिक ब्लाक, कंप्यूटर लैब, हास्टल व डारमेट्री जैसी सुविधिाएं विकसित की जानी थी। इसके लिए 8 महीने पहले बजट भी जारी कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की मुहिम अटकी पड़ी है। 149 विद्यालयों में अब तक जमीन की तलाश पूरी नहीं हो सकी है। जिसके कारण 72 विद्यालयों में एकेडमिक ब्लॉक और हॉस्टल तो 40 विद्यालयों में डॉरमेट्री का निर्माण अब तक शुरू नहीं सका है। साथ ही 37 स्कूल ऐसे हैं जिनमें कंप्यूटर लैब का काम भी अस्तित्व में नहीं आ सका है। इस पर अपर राज्य परियोजना निदेशक ने सूबेभर के बीएसए को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। मुरादाबाद में ग्रामीणों के विरोध के कारण जमीन नहीं मिल सकी थी।
बालिकाओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रदेशभर के 149 कस्तूरबा विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की योजन तैयार की गई थी। इस योजना के तहत इन विद्यालयों में एकेडमिक ब्लाक, कंप्यूटर लैब, हास्टल व डारमेट्री जैसी सुविधिाएं विकसित की जानी थी। इसके लिए आठ महीने पहले बजट भी जारी कर दिया गया था। लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की मनमानी के कारण अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। अधिकांश जगहों पर जमीन न मिलने के कारण निर्माण कार्य में पेच फंस गया है। इस वित्तीय वर्ष में काफी समय बीतने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाने पर अपर राज्य परियोजना निदेशक ने नाराजगी जताई है। बीएसए को पत्र लिखकर इस कार्य की समीक्षा के साथ ही जल्द से जल्द निर्माण के लिए निर्देशित किया है।
इन जिलों में एकडेमिक ब्लॉक और हॉस्टल के लिए नहीं मिली जमीन
आगरा, लखनऊ, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, अमरोहा, बुलंदशहर के अलावा 24 जिलों के 72 कस्तूरबा विद्यालयों को जमीन नहीं मिल सकी।
इन जिलों में एडिशनल ड्रारमेट्री का निर्माण शुरू नहीं
मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, अयोध्या, बांदा, चित्रकूट, लखीमपुर खीरी के अलावा 15 जिलों में एडीशनल डॉरमेट्री का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।
यहां कंप्यूटर लैब का निर्माण कार्य फंसा
मुरादाबाद, झांसी, बरेली, अयोध्या, बांदा, आजमगढ़ के अलावा 14 जिलों में कंप्यूटर लैब अनारंभ स्थिति में है।
ग्रामीणों ने किया था विरोध, पसियापुर पदार्थ में नहीं बनने दिया हॉस्टल
कस्तूरबा विद्यालय ठाकुरद्वारा के लिए परिषदीय विद्यालय के कैंपस में एकेडमिक ब्लॉक और हास्टल का निर्माण कार्य शुरू होना था, लेकिन पसियापुर पदार्थ में ग्रामीणों के विरोध के कारण ये कार्य नहीं हो पाया। ग्रामीणों का कहना था कि यहां हॉस्टल नहीं बनने देंगे। हालांकि वे इंटर कॉलेज के निर्माण की मांग कर रहे थे। इसी तरह कस्तूरबा विद्यालय मुरादाबाद में कंप्यूटर लैब तैयार नहीं हो सका। मंडल की बात करें तो अमरोहा जिले में अमरोहा के साथ ही धनौरा और बिजनौर के नजीबाबाद में भी एकेडमिक और हॉस्टल का काम शुरू नहीं हो पाया है।
बरेली में भी फंस गया पेच
बरेली के मीरगंज में कंप्यूटर लैब और एडिशनल डॉरमेट्री के निर्माण कार्य में पेच फंस गया। इसी तरह बदायूं के अम्बियापुर में कंप्यूटर लैब, बदायूं के ही अम्बियापुर व दहगंवा के अलावा पीलीभीत के बीसलपुर, शाहजहांपुर में जैतीपुर, जलालाबाद में एडिशनल डॉरमेट्री का निर्माण कार्य फंस गया।
मुरादाबाद के बीएसए बोले
मुरादाबाद के बीएसए विमलेश कुमार ने कहा कि ठाकुरद्वारा में जमीन न मिल पाने के कारण एकेडमिक ब्लॉक और हॉस्टल नहीं बन सका। वहां प्रस्तावित जमीन पर सौ पेड़ लगे थे। पेड़ों की नीलामी के लिए समिति ने बैठक बुलाई तो गांववालों ने विरोध कर दिया। कहा कि यहां कस्तूरबा विद्यालय नहीं बनने देंगे। इंटर कॉलेज की मांग पर अड़े रहे। अब वहां पर अन्य जगहों की तलाश की जा रही है। जमीन फाइनल होते ही एकेडमिक ब्लॉक व हॉस्टल का निर्माण शुरू करा दिया गया।