कई व्यापार एक साथ, फिर भी कर्ज में डूब गया व्यापारी; उठाया खौफनाक कदम
पिछले कई महीने से कर्ज की वजह से वह काफी परेशान थे। तनाव में रहते थे। उनके ऊपर कर्ज तो था ही कुछ लोगों को रुपेश ने पैसा भी दिया था, वे भी बार बार तगादा करने के बावजूद लौटा नहीं रहे थे। मंगलवार को रूपेश को बेतियाहाता स्थित ट्रेवल्स एजेंसी को खाली करना था।

गोरखपुर के एक व्यापारी ने कई कारोबार एक साथ किए। वह मेडिकल स्टोर भी चलाता था और ट्रेवेल्स एजेंसी भी। काफी कोशिशों के बाद भी वह कर्ज में डूबता चला गया। फिर इतना परेशान हुआ कि साड़ी का फंदा लगाकर घर में पंखे में झूल गया। व्यापारी की खुदकुशी की सूचना पर मौके पर पहुंची शाहपुर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताया जा रहा है कि काफी कर्ज के चलते व्यापारी अवसाद में था।
जानकारी के मुताबिक, शाहपुर इलाके के शाहपुर थाना रोड स्थित बसंत विहार कॉलोनी निवासी रूपेश कुमार गुप्ता (35) असुरन चौराहे के पास चित्रा मेडिकल स्टोर के साथ बेतियाहाता में ट्रेवल एजेंसी चलाते थे। उनकी पत्नी प्रियंका गुप्ता और दो बेटियां हैं। मेडिकल स्टोर पर उनकी भाभी बबिता गुप्ता बैठती हैं, उनके पति उमेश गुप्ता की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। जबकि, रूपेश गुप्ता मेडिकल स्टोर की देखभाल के साथ ट्रेवल्स एजेंसी और रेलवे टिकट बुकिंग भी करते थे। बताया जा रहा कि उन्होंने बैंक और सूदखोरों से कर्ज लेकर कई गाड़ियां खरीदी थीं। जिसे बुकिंग पर चलवाते थे। मेडिकल स्टोर का किराया भी लगभग 50 हजार रुपये देते थे।
पिछले कई महीने से कर्ज की वजह से वह काफी परेशान थे और तनाव में रहते थे। उनके ऊपर कर्ज तो था ही कुछ लोगों को रुपेश ने पैसा भी दिया था, वे भी बार बार तगादा करने के बावजूद लौटा नहीं रहे थे। मंगलवार को उन्हें बेतियाहाता स्थित ट्रेवल्स एजेंसी को खाली करना था।
बताया जा रहा है कि बैंक और सूदखोरों के लगातार दबाव की वजह से मंगलवार की सुबह 8 बजे कमरे में साड़ी का फंदा बनाकर उन्होंने खुदकुशी कर ली। कुछ देर बाद पत्नी और बच्चे पहुंचे,तो दरवाजा बंद था। परिवारीजनों ने जब दरवाजा तोड़ा तो फंदे से उनका शव लटक रहा था। उतारकर मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है। सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया कि कर्ज के दबाव में आत्महत्या की बात सामने आ रही है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अवसाद और तगादे से आजिज था रूपेश
दो भाइयों में छोटे रुपेश ने खुदकुशी कर पूरे परिवार को लावारिस हाल में छोड़ दिया। रूपेश के बड़े भाई की कोरोना के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद रुपेश के ऊपर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। लेकिन व्यापार को बढ़ाने और कई व्यापार करने के चक्कर में रूपेश कर्ज के जाल में इस कदर फंसे कि बाहर नहीं निकल पाए। परिचितों के साथ बैंक का कर्ज भी रूपेश पर था। वहीं बेतियाहाता की दुकान को खाली कराने का दबाव बन गया था। मंगलवार को दस बजे तब उसे दुकान खाली करना था। लेकिन उससे पहले रुपेश ने खुदकुशी कर ली।
मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। बच्चों की चीत्कार सुनकर लोगों की आंखे नम हो रही थीं। रुपेश की बड़ी बेटी चौथी कक्षा में पढ़ती है तो छोटी दूसरी कक्षा में पढ़ती है। पिता का शव ले जाते समय बच्चियां जब रो रही थीं तो सभी आंख भर आईं। बड़ी बेटी कह रही थी, पापा मुझे भी साथ ले चलो। उसकी ये बातें लोगों का कलेजा छलनी कर रही थीं। रुपेश के जिम्मे अपनी भाभी बबिता के साथ ही पत्नी प्रियंका गुप्ता और दोनों बेटियों की जिम्मेदारी थी। मां-बाप का पहले ही निधन हो चुका है।