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बूलगढ़ प्रकरण: डेढ़ करोड़ के मानहानि नोटिस पर राहुल गांधी ने दिया जवाब, मुकदमे की तैयारी में वकील

  • हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में सांसद राहुल गांधी ने कोर्ट से बरी हुए तीन आरोपियों को लेकर संसद में इस मामले को उठाया। उन्होंने अपने एक्स में पूरी बारह मिनट की वीडियो को अपलोड किया।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, हाथरस, कार्यालय संवाददाताThu, 16 Jan 2025 11:15 PM
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हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में सांसद राहुल गांधी ने कोर्ट से बरी हुए तीन आरोपियों को लेकर संसद में इस मामले को उठाया। उन्होंने अपने एक्स में पूरी बारह मिनट की वीडियो को अपलोड किया। इसे लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता ने राहुल गांधी को वरी हुए तीनों लोगों की ओर से राहुल गांधी को डेढ़ करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा था। मगर अभी तक उसका कोई जबाव नहीं आया है। अब वकील वाद दायर करने की तैयारी कर रहे है।

12 दिसंबर को राहुल गांधी ने गांव बूलगढ़ी में पहुंचकर बिटिया के परिजनों से चालीस मिनट तक बातचीत की। इसके बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की थी और वीडियो भी डाला था, जिसमें आरोप लगाया था कि पीड़ित परिवार घर में कैद है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इसे लेकर बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने नोटिस में कहा है कि राहुल गांधी मुख्य राष्ट्रीय पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता हैं, इस नाते उनके प्रत्येक शब्द का मतलब देश से है, फिर भी उन्होंने जानबूझकर चरित्र, प्रतिष्ठा, अखंडता को चोट पहुंचाने के इरादे से सोशल मीडिया पर पोस्ट की।

मेरे पक्षकारों का जीवन फिर से बर्बाद कर दिया है, जो अवमानना पूर्ण है, आप जानबूझकर सक्षम अदालत के फैसले को नकारते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राहुल गांधी के माध्यम से पहले भी मेरे पक्षकार का जीवन बर्बाद करने के लिए हर तरह से कोशिश की। नोटिस में कहा गया है कि इस प्रकरण में थाना चंदपा पर संदीप सिसौदिया उर्फ चंदू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

राजनीतिक दलों के अनुचित समर्थन के कारण मेरे पक्षकार रवि, लवकुश और राम कुमार को साजिश के तहत इस मामले में शामिल किया गया। उन्हें ढाई साल की लंबी अवधि का समय सामूहिक दुष्कर्म, हत्या आदि के झूठे आरोपों के कारण जेल में बिताना पड़ा और उनकी समाज में बदनामी हुई। इस मामले में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया। मुकदमा अब समाप्त हो गया। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) ने मेरे पक्षकार रवि, लवकुश व रामकुमार को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

अदालत में दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या के आरोप साबित नहीं हुए। मेरे पक्षकार निर्दोष थे और पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। मेरे पक्षकारों का जीवन कुछ हद तक आराम दायक होने जा रहा था, लेकिन आपने गंदी राजनीति के तहत एक्स पर पोस्ट अपलोड की। दुष्कर्म के आरोपियों के खुलेआम घूमने जैसे आरोप लगाए। अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि अभी तक इस मामले में राहुल गांधी की ओर से विधिक नोटिस का जवाब नहीं मिला है। जल्द ही इस मामले में न्यायालय में वाद दाखिल किया जाएगा।

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