साहब, समझ नहीं आ रहा सड़क में गड्ढे हैं कि गड्ढों में सड़क
अनूपशहर और स्याना तहसीलों को जोड़ने वाली सड़कें अत्यंत जर्जर हो चुकी हैं, जिससे यातायात में परेशानी हो रही है। हादसों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन अधिकारी सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।...
अनूपशहर और स्याना तहसीलों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि यहां से गुजरना तक दूभर हो गया है। रोड पर आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी हीला-हवाली में जुटे हैं। कई व्यापारिक संगठन सड़कों की हालत को लेकर मुखर हैं। जनता परेशान है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं है। नगर की सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं है। कोई सड़क ऐसी नहीं है जिसमें गड्ढे न हों। यमुनापुरम जैसी पॉश कालोनियों से लेकर मलिन बस्तियों तक की सड़कें अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं। हालत पहले ही खराब थे और बरसात के बाद स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। अंसारी रोड पर सड़क निर्माण शुरू हुआ है तो उसमें भी मानकों की अनदेखी का आरोप लगा है। व्यापारियों ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए ज्ञापन भी सौंपा है। बहरहाल बात करें काली नदी रोड की तो यह रोड स्याना तहसील के अलावा खानपुर, बुगरासी, औरंगाबाद, अनूपशहर तहसील, जहांगीराबाद सहित सैकड़ों गांवों को जोड़ता है। यानि प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग इस रोड से गुजरते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो नगर पालिका गड्ढों को भरने के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। रोड निर्माण का जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। अधिकारी कह रहे हैं कि मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया गया है, जबकि गड्ढों में मिट्टी और रोड़ी डाली जा रही है। शीतल गंज निवासी अमित का कहना है कि कई सड़कें तो इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि पता नहीं चल रहा कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क बनी है। सरायधारी निवासी मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि रात के अंधेरे में सड़क पर चलना किसी खतरे से खाली नहीं है। गड्ढे में वाहन जाने से हादसे का खतरा रहता है।
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