विश्व मलेरिया दिवस: मलेरिया के हर साल बढ़ रहे मरीज, दवाएं भी बेअसर
Bulandsehar News - - गंदगी के कारण मच्छर पर अपने से लग रहा मलेरिया का डंक- गंदगी के कारण मच्छर पर अपने से लग रहा मलेरिया का डंक- गंदगी के कारण मच्छर पर अपने से लग रहा मल

मलेरिया मच्छर का डंक जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन साल की बात करें तो हर साल मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2022 में 30 तो 2024 में मिले मलेरिया के 55 मरीज मिले हैं। वहीं मच्छरों को खत्म करने के लिए विभाग की ओर से प्रयोग की जा रही दवाएं भी बेअसर नजर आ रही है। हालांकि इस साल अभी तक जनवरी और फरवरी महीने में एक-एक मरीज मिला है। मच्छरों की खत्म करने के लिए विभाग ने एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग शुरु करा दी है। हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। जिसमें लोगों को रैली, बैनर-पोस्टर आदि के माध्यम से मलेरिया के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके बाद भी वर्ष 2022 के बाद से मलेरिया का असर बढ़ता नजर आ रहा है। जिले में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि मलेरिया विभाग की ओर से एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग का दावा किया जाता है। शहर से देहात तक निरीक्षण कर विभिन्न विभागों के सहयोग से सफाई आदि काम कराया जाता है। इसके वावजूद रोकथाम की व्यवस्था और दवाएं आंकड़ों के सामने बेअसर नजर आ रही हैं। इस साल भी जनवरी महीने में ही मलेरिया की शुरुआत हो गई थी। फरवरी महीने में हल्की गर्मी बढ़ी तो मच्छरों की तादात बढ़ने लगी। इस दौरान भी एक केस मिला।
- इन दवाओं का होता है छिड़काव
मलेरिया विभाग की टीम द्वारा पानी न निकलाने वाले स्थान पर वैक्टीसाइड घोल बनाकर डाला जाता है। जिससे लार्वा न पनप सके। वहीं एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए टेमीफोस और फॉगिंग के लि मैलाथिन टैक्निकल का प्रयोग किया जाता है।
- आसपास न होने दें गंदगी
जिला मलेरिया अधिकारी नज्जार अहमद ने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए आसपास गंदगी न होने दें। कूलर, गमला, छत पर रखे आदि बर्तनों में पानी बदलते रहें।
- इस तरह मिले मरीज
वर्ष मरीज
2022 30
2023 53
2024 55
2025 अब तक 2
- मादा एनोफिलीज मच्छर
बीमारी: मलेरिया
सक्रिय समय: रात में
प्रजनन स्थल: साफ या गंदे पानी में
विशेषता: मलेरिया फैलाने वाला एकमात्र मच्छर
- एडीज मच्छर
बीमारियाँ: डेंगू, चिकनगुनिया आदि
सक्रिय समय: दिन में
प्रजनन स्थल: साफ ठहरा हुआ पानी (टायर, फूलदान, गमले आदि)
विशेषता: तेजी से फैलने वाले वायरसों का वाहक
कोट--
मलेरिया के लिए लगातार टीम छिड़काव कर रही हैं। जहां गंदगी मिल रही है। वहां प्रधान आदि के सहयोग से सफाई कराई जा रही है। लोग खुद भी सावधानी बरतें।
- नज्जार अहमद, जिला मलेरिया अधिकारी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।