गबन के आरोप में निलंबित हुआ था उप डाकपाल, सीबीआई ने की थी पूछताछ
Bulandsehar News - बुलंदशहर के उप डाकपाल राहुल कुमार ने 26 नवंबर को 2.50 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में निलंबित होने के बाद आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें अधिकारियों पर फंसाने का...
बुलंदशहर। ट्रेन के आगे कूदकर आत्माहत्या करने वाले उप डाकपाल राहुल कुमार को करीब 2.50 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में 26 नवंबर को निलंबित किया गया था। पूरे मामले में डाक अधीक्षक की ओर से सीबीआई की एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) शाखा में शिकायत दर्ज कराई गई थी। 20 दिसंबर को जांच के लिए पहुंची सीबीआई ने उप डाकपाल से घर पर करीब पांच घंटे तक पूछताछ की थी। रविवार सुबह राहुल ने सुसाइड नोट छोड़ते हुए अधिकारियों पर फंसाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में डिबाई में भी इसी तरह का मामला होने का जिक्र किया गया है। उप डाकपाल राहुल कुमार लाखावटी उप डाकघर में तैनात थे। आरोप है कि करीब एक साल तक फर्जी टिकट लगाकर बुकिंग की जाती थी। जिसमें मेल (रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट एवं पार्सल) के माध्यम से गड़बड़ी की जा रही थी। डाक अधीक्षक को सूचना मिलने पर पूरे मामले में नवंबर में जांच की गई थी। जांच में राजस्व कम मिलने पर फर्जी डाक टिकट तैयार करने का मामला सामने आया था। इसके बाद फर्जीवाड़ा कर गबन करने के आरोप में डाक अधीक्षक ने उप डाकपाल राहुल कुमार, बाबू गोपाल व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जयप्रकाश को निलंबित कर दिया था।
इस मामले में डाक अधीक्षक की ओर से सीबीआई की शाखा एंटी करप्शन ब्यूरो में मामला दर्ज कराया गया था। विभाग के साथ सीबीआई की टीम ने जांच की शुरू की। 20 दिसंबर को सीबीआई के अधिकारी जांच करने के लिए उप डाकपाल के घर पहुंचे। बताया जा रहा है जांच के दौरान परिवार को भी बाहर नहीं जाने दिया गया था। जांच के बाद टीम रिपोर्ट तैयार कर लेकर गई।
घर से बुकिंग करने का था आरोप
उप डाकपाल पर घर से बुकिंग करने का आरोप लगा था। डाक अधीक्षक ने बताया कि कार्यालय में मेल (रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट एवं पार्सल) की बुकिंग करने का अधिकार था, लेकिन उप डाकपाल मेल को घर ले जाते और घर पर जाली डाक टिकट वाले मेल के बैग बनाकर भेज देते थे। जिन्हें दूसरे कर्मचारी की आईडी से बुक कर भेजा जाता था। मामला पकड़ में आने के बाद कार्रवाई की गई थी।
डिबाई में भी गड़बड़ी का आरोप
सुसाइड नोट में डिबाई भी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया गया है। जिसमें जातिवाद का आरोप लगाते हुए वहां कार्रवाई न होने की बात लिखी है। वहीं डाक अधीक्षक युवराज सिंह का कहना है कि डिबाई-दौराहे पर डाक विभाग की फ्रेंचाइजी संचालित थी। जैसे ही वहां गड़बड़ी होने की सूचना मिली तुरंत फ्रेंचाइजी की आईडी को टर्मिनेट कर दिया गया था। इस मामले में भी जांच की जा रही है।
डाक अधीक्षक ने भी छोड़ा था सुसाइड नोट
अलीगढ़ के डाक अधीक्षक त्रिभुवन प्रताप सिंह से पूछताछ कर प्रधान डाकघर में देर रात तक सीबीआई ने जांच की थी। इसके बाद डाक अधीक्षक ने सुबह के समय अपने अलीगढ़ आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने भी इसी तरह उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट छोड़ा था।
बाहरी क्षेत्र से आकर बुकिंग कराते थे लोग
आरोप है कि लखावटी डाकघर पर अधिकांश मेल की बुकिंग अन्य जनपदों से आकर लोग कराते थे। 23 नवंबर को भी करीब 3800 पंजीकृत लिफाफों की बुकिंग दिल्ली के एक व्यक्ति द्वारा कराई गई थी। इसके अलावा एक बैग खुर्जा जंक्शन भेजने के बाद वापस मंगाया गया था। इसमें 1542 मेल में 921 मेल नई दिल्ली से लखावटी भेजे गए। बताया जा रहा है कि इन सभी पर फर्जी टिकट लगे हुए थे।
डीएवी तिराहे पर भी पकड़ा था मामला
करीब पांच साल पहले इसी तरह का मामला डीएवी तिराहे स्थित उप डाकघर में भी पकड़ा गया था। सेवानिवृत्त हो चुके केएस यादव ने पूरा मामले पकड़ने के बाद कार्रवाई की थी। अब लखावटी का मामला आने के बाद हड़कंप मचा है।
कोट--
इस मामले में 26 नवंबर को कार्रवाई की थी। सीबीआई की एसीबी शाखा में मामला दर्ज कराया था। अभी जांच चल रही है। इसमें और भी लोग शामिल होने की आशंका है। सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा। -युवराज सिंह, डाक अधीक्षक
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