एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन,जलाया जा रहा कूड़ा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन लोग और सिविक एजेंसियां इस आदेश का पालन नहीं कर रही हैं। 5000 रुपये का जुर्माना भी प्रभावी नहीं हो रहा है। पश्चिमी...
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा खुले में कूड़ा जलाने पर जुर्माना लगाने के आदेश के बावजूद क्षेत्र में कूड़ा जलाने की प्रक्रिया बदस्तूर जारी है। आदेश में भारी जुर्माना सहित कड़े प्रावधान के बावजूद ना तो लोगों में जागरुकता आई है और ना ही सिविक एजेंसियां हरकत में आती दिख रही है। यही कारण है कि खुले में कूड़ा जलाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध
ज्ञात हो कि बढ़ते प्रदूषण के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति खुले में कूड़ा-कचरा, सूखी पत्तियां अथवा प्लास्टिक इत्यादि नहीं जला सकता है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसपर 5 हजार रुपया का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कूड़े के ढेर में आग कई दिनों तक लगी रहती है
इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी सिविक एजेंसियों के अधिकारियों को दी गई है, लेकिन आदेश के बाद पश्चिमी दिल्ली में इसका कोई असर नहीं दिखा। नगर के पुराना जीटी रोड, जंक्शन रोड, पहासू रोड, शिकारपुर रोड आदि इलाकों में समय-समय पर सड़क किनारे कूड़ा जलाया जाता है। आलम यह है कि कूड़े के ढेर में आग कई दिनों तक लगी रहती है।
कड़ाई से होना चाहिए पालन
दरअसल कूड़े की मात्रा कम हो इसलिए ज्यादातर मामले में लोग कूड़े में आग लगा देते हैं। पार्कों में कर्मी द्वारा सूखे पत्तों जलाने का दृश्य तो आम है। लोगों ने बताया कि कई जगहों पर कूड़ा जलते हुए देखा जाता है। इससे उठ रहा काला धुआं हानिकारक होता है, आसपास के इलाके को भी प्रदूषित करता है, लेकिन कोई विरोध नहीं करता है। जब तक इस आदेश का कड़ाई से पालन नहीं किया जाएगा तब तक इस प्रकार की घटना रोकना मुश्किल है।
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