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कार्तिक पूर्णिमा : लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, उमड़ा जनसैलाब

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। श्रद्धालुओं ने गंगा तटों पर धार्मिक अनुष्ठान किए और मां गंगा से मनौतियाँ मांगी। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिससे कोई...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरFri, 15 Nov 2024 11:27 PM
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कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। छोटी काशी अनूपशहर, अहार, राजघाट, रामघाट, कर्णवास, नरोरा गंगा तटों पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। हर हर गंगे, जय गंगे मैया, पार लगाओ नैया के जयघोष के गंगा तट गुंजायमान रहे। शुक्रवार को तड़के से लेकर देर शाम तक गंगा स्नान चलता रहा। गंगा तट पर गोतोखोर तैनात रहे। मोटर बोट में पुलिसकर्मी और गोताखोर लगातार गंगा में श्रद्धालुओं को गहरे जल में नहीं जाने के लिए कहते रहे। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण कथा कराई, हवन, पूजन कर मां गंगा से मनौती मांगी। डीएम चन्द्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार, एडीएम प्रशासन डा.प्रशांत कुमार, एसपी देहात रोहित मिश्र सहित अन्य अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गंगा मेला में लोगों ने जमकर खरीदारी की। गंगा घाट मार्गों पर वाहनों के ज्यादा आवागमन से जाम की स्थिति बनी रही।

छोटी काशी में श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

अनूपशहर। छोटी काशी में कार्तिक पूर्णिमा मेले में आए लाखों श्रद्धालुओं ने भोर होते ही हर-हर गंगे जय घोष के साथ गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। स्नान उपरांत श्रद्धालुओं ने पुरोहितों से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संस्कार करा कर उन्हें दान दक्षिणा दी।

आस्था की नगरी छोटी काशी में गंगा की विशाल रेतीले मैदान व नगर के मस्तराम घाट, परशुराम घाट, त्रिवेणी घाट, शिव स्वरूप घाट पर लाखों श्रद्धालुओं व साधु-संतों ने भोर होते ही हर-हर गंगे जय घोष के साथ गंगा में गोते लगना प्रारंभ किया स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे पुरोहितों से यज्ञोपवीत, मुंडन, हवन यज्ञ आदि संस्कार संपन्न कराए गए। पूर्व में गंगा से बोली मनोकामना के पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं ने परिवार के सदस्यों के साथ भगवान सत्यनारायण कथा का श्रवण कर गरीबों को भोजन अनाज वास्तु आदि दान दिया। पूर्णिमा से एक दिन पूर्व संध्या को श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की आत्म शांति के लिए दीप जलाकर गंगा में प्रवाहित किया। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष स्नान के फल के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।

नाविकों, गोताखोरों की मुस्तैदी से नहीं हुआ कोई हादसा

अनूपशहर। कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। जिसके चलते कोई हादसा नहीं हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से स्नान घाटों पर फ्लड प्लाटून के जवान मोटर बोट से गस्त करते रहे। नावों में पुलिस व गोताखोरों की तैनाती की गई थी। जिससे श्रद्धालुओं को बैरिकेडिंग तोड़कर गंगा में अंदर घुसने नहीं दिया गया।

देश के महान संतों ने छोटी काशी बनाई अपनी कर्म भूमि

अनूपशहर। छोटी काशी प्राचीन काल में बलभद्र क्षेत्र का गंगा तटीय क्षेत्र था। सोलहवीं शताब्दी में राजा अनूप राय ने नगरी को अपने नाम के आधार पर अनूपशहर रखा था। देश के अनेक विख्यात संत स्वामी दयानंद सरस्वती, संत करपात्री जी महाराज, उड़िया बाबा, मनीराम बाबा, भृगु ऋषि, मस्तराम बाबा, स्वामी दीनदयाल, सोहम बाबा, मोनी बाबा, हरिहर बाबा, शिवानंद बाबा जैसे महान संतों ने इस नगरी को कर्म भूमि बनाकर गंगा किनारे वर्षों तपस्या कर इस भूमि को तपोभूमि बनाया। ऐसा माना जाता है कि संतों की कृपा से इस क्षेत्र में कभी भी दैविक आपदा नहीं आई।

रात्रि में आला अधिकारी करते रहे मेले का निरीक्षण

अनूपशहर। कार्तिक मेला की व्यवस्थाओं के लिए आला अधिकारी पूरी रात नगर में मौजूद रहे। गुरुवार मध्य रात्रि में जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार, एडीएम डा. प्रशांत कुमार, एसपी क्राइम नरेश कुमार ने मेला क्षेत्र में घूम कर मेला का अवलोकन कर अधिकारियों को निर्देश देते रहे। उन्होंने मेलाधिकारी एसडीएम प्रियंका गोयल, तहसीलदार बालेंदु भूषण वर्मा, सीओ गिरजा शंकर त्रिपाठी, प्रशिक्षु सीओ आयुषी सिंह, कोतवाली प्रभारी रजनीश कुमार त्यागी, पालिका ईओ गार्गी त्यागी से मेला की व्यवस्था की पल-पल की जानकारी लेते रहे।

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