दहेज हत्या में पति को सात साल की कैद
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवानंद ने डिबाई क्षेत्र में दहेज हत्या मामले में पति को सात साल की कैद और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और...
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय शिवानंद ने करीब छह साल पहले डिबाई क्षेत्र में विवाहिता की दहेज हत्या के मामले में पति को सात साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अभियुक्त पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सोमवार को अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ध्रुव कुमार वर्मा और भूपेन्द्र राजपूत ने बताया कि आठ दिसंबर 2018 को डिबाई कोतवाली में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। वादी मुकदमा अलीगढ़ जिले के थाना अतरौली के गांव बढौली निवासी ठाकुर दास पुत्र स्व. पदम सिंह ने बताया था कि उसकी बहन हेमलता की शादी फरवरी 2012 को डिबाई के बिलौनारूप गांव निवासी बबलेन्द्र पुत्र कल्यान सिंह के साथ हुई थी। शादी के छह माह बाद से ही उसकी बहन से मोटरसाइकिल, सोने की चेन व एक भैंस की मांग की जाने लगी। बहन की ससुराल जाकर आरोपी पक्ष को समझाया। बाद में बहन ने जानकारी दी कि उसके पति का प्रेम प्रसंग किसी युवती के साथ भी है।
सात दिसंबर की रात में उसकी बहन हेमलता की गला दबाकर हत्या कर दी गई। विवेचना में घमंडी सिंह का नाम मुकदमे से निकल गया। पुलिस ने जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय शिवानंद के न्यायालय में हुई। न्यायाधीश ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी पति को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने अभियुक्त पति को सात साल की कैद और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की धनराशि में से 70 प्रतिशत धनराशि हेमलता के भाई वादी मुकदमा ठाकुर दास को बतौर प्रतिकर देने का भी आदेश दिया गया है।
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