बोले बुलंदशहर: पंप कर्मियों को चाहिए स्वास्थ्य सुविधा और साप्ताहिक अवकाश
Bulandsehar News - -पूरे जिले में 150 से अधिक पेट्रोल व सीएनजी पंप हो रहे हैं

बुलंदशहर। चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है या फिर कड़ाके की सर्दी, तूफानी से चल रही बरसात का मौसम हो, कुछ भी लेकिन इन सभी मौसम में पूरे महीने के 30 दिनों और साल के 365 दिनों में उन्हें काम करना पड़ रहा है। ऐसा भी नहीं है कि इनकी नौकरी अर्द्धसरकारी या फिर सरकारी हो। इनको यदि दिहाड़ी कामगार कहा जाए तो गलत नहीं है। हम बात कर रहे हैं पेट्रोल पंपों पर तैनात सेल्समैनों की। वाहनों में डीजल, पेट्रोल और सीएनजी गैस भरना ही इनकी जिम्मेदारी है। नौकरी पंप मालिक और प्रबंधन के हाथ में है। आज काम पर हैं तो शायद कल यह अवसर नहीं भी हो। कहीं पंप मालिक ने पहनने को वर्दी दी है तो कहीं वह भी नहीं। आश्चर्य की बात है कि श्रम कानून की निगरानी करने वाले भी पेट्रोल पंप के सेल्समैन की ओर देखते नहीं। ऐसे में सेल्समैनों ने सप्ताह में कम से कम एक अवकाश मिलने की पैरवी की है। साथ ही कहा है कि सरकार अपनी योजनाओं से उन्हें भी विकास की राह दौड़ाने का काम करें।
बुलंदशहर में करीब 150 से अधिक डीजल, पेट्रोल और सीएनजी पंप संचालित हो रहे हैं। इन पंपों पर करीब एक हजार से अधिक सेल्समैन और नोजलमैन ड्यूटी कर रहे हैं। कुछ पंप वर्षों से संचालित हो रहे हैं तो कुछ पंपों का इतिहास महज नौ से दस महीने पुराना है। लाखों लीटर प्रतिदिन डीजल, पेट्रोल की बिक्री हो रही है। बुलंदशहर शहर में ही एक लाख से अधिक छोटे-बड़े वाहनों का पंजीकरण होगा। इसके अलावा आसपास के कस्बों व तहसीलों में वाहनों का पंजीकरण अलग है। नेशनल हाईवे सहित दर्जनों से अधिक स्टेट हाईवे, देश की राजधानी दिल्ली, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ जैसे बड़े शहरों को जोड़ने का काम यह जिला करता है।
एचपी, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, रिलायंस, नायरा, अडानी सहित विभिन्न कंपनियों के पंपों पर यहां डीजल-पेट्रोल मिल रहा है। हर पंप पर एक नोजल सर्विस में यानी तेल नापने में नियमानुसार दो-दो कर्मचारी तैनात हैं। शहर क्षेत्र में सभी पेट्रोल पंप 24 घंटे सेवा के लिए अधिकृत और संकल्पित हैं। देहात में सेल की कमी और सुरक्षा के कारणों को लेकर प्रबंधन हमेशा से चिंतित रहता है। इस वजह से देहात क्षेत्र के सभी पंप शाम ढ़लने के बाद सुविधानुसार बंद कर दिए जाते हैं। सुरक्षा और कारोबार का अध्ययन पंप प्रबंधन करता है। इसी आधार पर यह सेवाएं संचालित हैं। जिले के सभी पेट्रोल पंपों पर शिफ्टवार सेल्समैन अपनी सेवा दे रहे हैं। सरकारी योजनाओं के दौर में सभी कर्मचारी इस बात को लेकर चाहते हैं कि हमें कुछ सामाजिक गारंटी मिले। कोई श्रम कानून लागू हो।
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पंपों पर महिलाओं के आने से बढ़ी दिक्कत
पेट्रोल पंप पर कार्यरत सेल्समैनों का कहना है कि अब से पूर्व पेट्रोल पंपों पर पुरुषों की ही तैनाती होती थी। लेकिन अब धीरे-धीरे पेट्रोल पंपों पर सेल्समैनों की भांति महिला सेल्समैनों की भर्ती होने लगी है। जिस वजह से इस काम में काफी कंपटीशन बढ़ गया है। ●पेट्रोल पंपों पर काम के दौरान लगातार खड़े रहना पड़ता है। आराम करने का मौका कम ही मिलता है।● अवकाश नहीं मिलने से काम का बोझ बना रहता है। इससे स्वास्थ्य खराब होने की चिंता सताती रहती है। पेट्रोल● पंपों पर प्रसाधन की सुविधा की नियमित निगरानी नहीं होने से दिक्कत होती है। देहात क्षेत्र में कुछ पंपों पर सफाई को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है।
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वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने के दौरान अक्सर होते हैं विवाद
पेट्रोल पंपों पर कार्यरत सेल्समैनों का कहना है कि ●वाहन में पेट्रोल और डीजल भरवाने के लिए कई बार वाहन चालक सेल्समैनों से अभद्रता करते हैं। ऐसे में काफी दिक्कतों से सेल्समैनों को जूझना पड़ता है। विवाद होने के कारण पेट्रोल पंपों की छवि खराब होती है और इसका असर सेल्स पर पड़ता है। जिस वजह से सेल्समैनों की छटनी तक करनी पड़ती है। ●बारिश, सर्दी और गर्मी में पेट्रोल पंप पर काम करते समय समस्या का सामना करना पड़ता है। कुछ पंपों पर बचाव के इंतजाम कम रहते हैं।
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नियमित स्वास्थ्य जांच और चिकित्सा सुविधा का मिले लाभ
पेट्रोल पंप के सेल्समैनों का कहना है कि उनका काम दिनभर खड़े रहने का है। उन्हें पूरे दिन काम करने के दौरान आराम करने का मौका बहुत कम ही मिल पाता है। इससे न केवल उनका शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है। सप्ताह में एक दिन की छुट्टी भी उन्हें नहीं मिलती। पेट्रोल पंप पर काम करने के दौरान गर्मी, सर्दी और बारिश का असर सीधे कर्मचारियों पर पड़ता है। गर्मी में जहां एक ओर अधिक काम करने से पसीने की समस्या होती है, वहीं सर्दियों में ठंड के कारण उनका शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। बारिश में तो और भी मुश्किल बढ़ जाती है क्योंकि भीगते हुए काम करना पड़ता है और सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लगातार खड़े रहकर काम करने से पैरों में सूजन, कमर दर्द, और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पंपों पर किसी प्रकार का मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं होती और न ही कर्मचारियों के लिए कोई नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था।
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सुनिएं सेल्समैनों का दर्द
शिफ्ट बहुत-बहुत लंबी हो जाती है। कई बार तो 12 घंटे तक काम करना पड़ता है। इस व्यवस्था में सुधार होने की आवश्यकता है। इससे काफी फायदा होगा।
-अमित
सरकार को भी लंबे समय से पंपों पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कुछ सोचना चाहिए। सरकार की योजनाओं का लाभ लंबे समय से काम करने वाले सेल्समैनों को मिले।
-कौशल कुमार शर्मा
केंद्र सरकार लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ दे रही है। सेल्समैनों को भी आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ मिले। क्योंकि सेल्समैन कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।
-कैलाश चंद शर्मा
सैल्समैनों को पीएफ और अन्य सुविधाओं की सौगात मिलनी चाहिए। हर कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी मिलनी चाहिए।
-सतेंद्र शर्मा
नो हेलमेट नो फ्यूल के नियमों से ग्राहकों को पेट्रोल पंप पर काफी दिक्कत हुई तो पंप कर्मियों को उनका सहयोग करना पड़ा। नियम के साथ ग्राहकों को पेट्रोल देना ही हमारी प्राथमिकता है।
-अजय गुप्ता
पेट्रोल पंप पर काम करने में कई चुनौतियों भी होती है। इनके बीच ग्राहकों का ध्यान रखकर पेट्रोल-डीजल देना प्राथमिकता में रहता है। पंप प्रबंधन का सहयोग मिलता है।
-रेशू कश्यप
पिछले कई महीनों से पंप पर नौकरी कर रहे हैं। अक्सर कई बार ग्राहकों से विवाद होते हैं, इससे दिक्कत होती है। ग्राहक भड़के नहीं, इसलिए हमें मधुर व्यवहार करना पड़ता है। पंप प्रबंधन से हर प्रकार का सहयोग मिलता है।
-नवीन
यदि पेट्रोल पंप के सेल्समैनों को भी श्रम विभाग में पंजीकरण हो जाए तो काफी योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। श्रम विभाग के अधिकारियों को कैंप लगाकर योजनाओं का लाभ देना चाहिए।
-पिंटू
महिलाओं के पेट्रोल पंप पर सेल्समैन बनने से इस क्षेत्र में काफी कंपटीशन होने लगा है। यदि सेल्समैनों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश मिलने लगेगा तो कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि महीने में चार छुट्टियों का प्रावधान प्रबंधन की ओर से है।
-अरविंद
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित पेट्रोल पंपों पर सबसे बड़ी समस्या शौचालय आदि की आती है। शौचालय है, लेकिन वहां सफाई व्यवस्था नहीं है। इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
अतुल
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सुझाव:
1.कर्मचारियों को सुरक्षा सुविधाओं की दरकार। श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों को मिलने चाहिए अधिकार।
2.पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों से होने वाले विवादों के होने चाहिए त्वरित निपटारे।
3.पेट्रोल पंपों पर मूलभूत सुविधाओं को त्वरित पूरा करने की होनी चाहिए व्यवस्था।
4.सेल्समैनों की होने चाहिए नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच हो, उसके अनुसार चिकित्सा सुविधा मिले।
5.पेट्रोल पंपों पर काम के दौरान लगातार खड़े रहने से परेशानी को दूर करने का काम होना चाहिए।
शिकायत:
1.कर्मचारियों को सुरक्षा मिलें और श्रम कानूनों के तहत उन्हें मिलने चाहिए अधिकार।
2.पेट्रोल पंपों पर कर्मचारियों से होने वाले विवाद का हो निपटारा।
3.मूलभूत सुविधा जैसे शौचालय, पीने के पानी और सफाई व्यवस्था का हो बेहतर प्रबंध।
4.नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाकर पेट्रोल पंप कर्मचारियों का हो परीक्षण।
5.पेट्रोल पंपों पर आराम करने की हो व्यवस्था।
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कोट:
पेट्रोल पंप कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास रहेगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का हल कराया जाएगा।
-प्रदीप चौधरी, विधायक, सदर
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