जिले में 15 टीमें रोकेंगी उर्वरक की कालाबाजारी, बार्डर पर तैनाती
-जिले में डीएपी की बढ़ती खपत को देखते हुए कृषि विभाग सतर्क, होगी निगरानी-जिले में डीएपी की बढ़ती खपत को देखते हुए कृषि विभाग सतर्क, होगी निगरानी
जिले में बढ़ती डीएपी की खपत को देखते हुए कृषि विभाग हरकत में आ गया है। उर्वरक की कालाबाजारी की आशंका को देखते हुए डीएओ ने जिले में 15 टीमों का गठन कर दिया है, जो सभी तहसीलों एवं जिले के बॉर्डर पर नजर रखेंगी। पुलिस की निगरानी में चेकिंग अभियान भी चलाया जाएगा जिससे डीएपी व यूरिया को जिले से बाहर न जाने दिया जाए। जिला कृषि अधिकारी रामकुमार यादव ने बताया कि मौजूदा समय में गेहूं सहित अन्य फसलों की बुआई चल रही है, जिसके कारण लगातार डीएपी की मांग भी बढ़ रही है। हजारों एमटी डीएपी का वितरण किया जा चुका है, मगर इसके बावजूद भी किसान लगातार डीएपी खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब डीएपी खरीदने वाले किसान पर पूरी नजर रखी जाएगी। उर्वरक की कालाबाजारी रोकने और विक्रेताओं द्वारा नियमानुसार वितरण कराने के लिए जिले मकी सातों तहसीलों में 15 टीमों का गठन किया गया है। यह टीम समय-समय पर गोदाम, समिति और निजी विक्रेताओं की दुकानों का निरीक्षण कर यह भी पता लगाएंगी कि डीएपी का कितना वितरण हुआ है, कितने किसानों को दी गई और सोसायटी पर कितना स्टॉक है। कहीं उर्वरक की कमी तो नहीं है। साथ ही कालाबाजारी पर रोक लगाने में इन टीमों को पूरी तरह से एक्टिव कर दिया गया है। हापुड़, अलीगढ़, गाजियाबाद व अमरोहा के बॉर्डर पर टीमों को लगाया जाएगा और पुलिस को साथ लेकर चेकिंग भी होगी। डीएओ ने बताया कि टीम के अधिकारियों में शामिल नोडल अधिकारी व सहायक नोडल अधिकारियों के मोबाइल नंबर दिए हैं। जिले में किसानों को नियमानुसार उनकी जोत के हिसाब से उर्वरक दिए जाएंगे।
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