कोरोना : खेल मैदान बंद, खिलाड़ियों के लिए मुसीबत
कोरोना कर्फ्यू के दौरान अधिकांश क्रिया क्लापों पर बंदिशें लगी हुई हैं। ऐसे में सबसे अधिक मुश्किल में खिलाड़ी हैं। स्टेडियम बंद हैं, मैदानों पर...
बुलंदशहर। संवाददाता
कोरोना कर्फ्यू के दौरान अधिकांश क्रिया क्लापों पर बंदिशें लगी हुई हैं। ऐसे में सबसे अधिक मुश्किल में खिलाड़ी हैं। स्टेडियम बंद हैं, मैदानों पर लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में यह दौर खेलों में अपना कैरियर तलाश करने वाले युवाओं के लिए मुसीबत बना हुआ है।
जिले की कई खेल प्रतिभाएं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले प्रतियोगिताओं में अपना बेहतर देने के लिए लगातार अभ्यास कर रही थीं। ऐसे में कोरोना महामारी ने सबकुछ बंद कर दिया। सिकंदराबाद के गांव महेपा जागीर निवासी शिवानी सिंह ने कैनोइंग में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। कई खेल ऐसे हैं, जिनका अभ्यास घर पर किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश ऐसे हैं, जिसके लिए मैदान चाहिए या खुला स्थान। कैनोइंग के लिए भी बिना तालाब, नहर, नदी के अभ्यास मुमकिन नहीं हैं। कैनोइंग खेल में उभरते सितारे शिवानी का अभ्यास फिलहाल बंद है। नगर के देवीपुरा में रहने वाली पावर लिफ्टर गीता तेवतिया ने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। कई मेडल जीतने के बाद उन्होंने एशिया पैसिफिक प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया था। यह प्रतियोगिता जुलाई में होनी प्रस्तावित है, लेकिन कोरोना के चलते इस प्रतियोगिता पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बहरहाल गीता तेवतिया ने घर पर ही जिम बना रखा है और वहीं प्रेक्टिस में जुटी हैं। बात करें क्रिकेट की तो इसके लिए खेल मैदान होना जरूरी है। अंडर 23 महिला क्रिकेट टीम के लिए चुनी गई भारती शर्मा की प्रेक्टिस पूरी तरह से बंद है और वह घर पर हैं।
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