कोर्ट ने लगाया पंजाब नेशनल बैंक पर जुर्माना
जिला उपभोक्ता आयोग ने पंजाब नेशनल बैंक पर 75,000 रुपये की अनधिकृत निकासी के लिए जुर्माना लगाया है। रामवीर सिंह ने बैंक के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें बैंक ने बिना अनुमति के उसके खाते से पैसे ट्रांसफर...
ग्राहक के खाते से 75 हजार रुपये निकालकर दूसरे के खाते में ट्रांसफर करने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने पंजाब नेशनल बैंक पर जुर्माना लगाया है। जिला उपभोक्ता आयोग, न्यायालय के जन सूचना अधिकारी शेखर वर्मा ने बताया कि ग्राम क्योली खुर्द तहसील खुर्जा के निवासी रामवीर सिंह ने पंजाब नेशनल बैंक, शाखा व पोस्ट अरनियां खुर्द बुलन्दशहर से 24 सितंबर 2015 को 1,00000/ रुपये का लोन लिया था। रामवीर सिंह का इसी बैंक में एक बचत खाता है। बैंक ने 30 नवंबर 2016 को उसके ऋण खाते से उसकी विना सहमति व बिना हस्ताक्षरों के 75000 रुपये उसके बचत खाता में ट्रांसफर कर दिये और उसके बाद 75000 रुपये उसके खाते से अन्य किसी व्यक्ति के खाते में रामवीर सिंह की बिना सहमति एवं बिना हस्ताक्षर के ट्रांसफर कर दिये और रामवीर सिंह को इसकी कोई सूचना नही दी। रामवीर सिंह ने अपने ऋण को चुकता करने के लिए 21फरवर 2018 को 20,000 रुपये 14 जून 2018 को 71,000, 28 अक्तूबर 2018 को 10,000 , 18 दिसंबर 2018 को 4,000 रुपये एवं 18 फरवरी 2019 को 49,000 रुपये बैंक में जमा कर दिए थे। इसके बाद भी बैंक ने उसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुलन्दशहर के माध्यम से एक नोटिस अंकन 2,00000 रुपये मय ब्याज के 7 दिन के अन्दर जमा करने के लिए भिजवाया। रामवीर सिंह ने बैंक में संपर्क किया तब उसको ज्ञात हुआ कि 75000 रुपये उसके ऋण खाते से उसके बचत खाते में ट्रांसफर करके अन्य किसी व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर हड़प लिये हैं। बैंक के उच्च अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद वाद जिला उपभोक्ता आयोग में दायर किया गया। सुनवाई के दौरान विपक्षी बैंक की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ और न ही कोई प्रतिवाद पत्र अथवा साक्ष्य पेश किया गया। जिला आयोग के अध्यक्ष हसनैन कुरैशी, सामान्य सदस्य मोहित कुमार त्यागी एवं महिला सदस्य नीलम कुमारी ने साक्ष्यों के आधार पर बैंक को दोषी पाते हुए रामवीर सिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बैंक को 45 दिन के अन्दर रामवीर सिंह को उसके बचत खाते से निकाले गये 75000 रुपये निकासी की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा करने के आदेश दिए। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 20,000 रुपये एवं वाद व्यय हेतु 10,000 रुपये भी अदा करने के आदेश दिये। अन्यथा की स्थिति में 45 दिन के बाद से बैंक द्वारा इस धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देय होगा।
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