'अगर वास्तव में कोई दुखी है...' GDP पर मायावती की चिंता, बोलीं-अच्छे दिन के लिए करना होगा ये काम
- बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि विकास दर के चार वर्षों में सबसे कम 6.4 प्रतिशत रह जाने की खबर से अगर कोई वास्तव में दुखी है तो वह देश के गरीब और मेहनतकश समाज के लोग हैं जो अपनी बदहाल जिन्दगी जीने के बावजूद देश के बारे में कुछ भी अहित सुनने को तैयार नहीं।
BSP Suprmo Mayawati: सरकार ने मंगलवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए। इसके अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6.4% की दर से बढ़ने की संभावना है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से यदि वास्तव में कोई दु:खी है तो वह देश के गरीब और मेहनतकश समाज के लोग हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में मायावती ने इस पर चिंता जताते हुए लिखा, 'चार वर्षों में सबसे कम 6.4 प्रतिशत रह सकती है विकास दर। देश के अधिकतर अखबारों में यह आज प्रमुख खबर है, जिसको लेकर अगर कोई वास्तव में दुखी है तो वह देश के गरीब एवं मेहनतकश समाज के लाोग हैं जो अपनी बदहाल जिन्दगी जीने के बावजूद देश के बारे में कुछ भी अहित सुनने को तैयार नहीं। विश्व बाजार में रुपए के लगातार घटते भाव से भले ही गरीबों का सीधा सम्बंध ना हो, फिर भी उससे वह खुश नहीं। सरकार को चाहिए कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं की कद्र करते हुए उनके 'अच्छे दिन' हेतु 24 घण्टे की संकीर्ण राजनीति को त्यागकर जन व देशहित की चिन्ताओं पर ध्यान केन्द्रित करे।'
बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक, देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। अगर ऐसा होता है तो देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020-21 के बाद सबसे धीमी गति से बढ़ेगी। कोविड महामारी से बुरी तरह प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, उसके बाद 2021-22 में यह 9.7 प्रतिशत, 2022-23 में सात प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ी थी।