20 हजार में बनाए जा रहे थे दूल्हा-दुल्हन, हो जाती थी शादी! पुलिस ने पकड़ा फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट का खेल
- यूपी के प्रयागराज में शादी के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का भंडाफोड़ हुआ है। यहां महज 20 हजार रुपये में दूल्हा-दुल्हन बनाकर उनकी शादी कराई जाती थी। यह पूरा रैकेट हाईकोर्ट के पास हनुमान मंदिर के सामने गली में फोटो स्टेट की दुकान में वर्षों से चल रहा था।
यूपी के प्रयागराज में शादी के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का भंडाफोड़ हुआ है। यहां महज 20 हजार रुपये में दूल्हा-दुल्हन बनाकर उनकी शादी कराई जाती थी। यह पूरा रैकेट हाईकोर्ट के पास हनुमान मंदिर के सामने गली में फोटो स्टेट की दुकान में वर्षों से चल रहा था। कैंट पुलिस की छापामारी में आर्य समाज के नाम पर फर्जी विवाह प्रमाणपत्र के तीन प्रारूप, तीन कंप्यूटर, दो प्रिंटर व अन्य उपकरण बरामद हुए हैं।
रिजर्व पुलिस लाइन में मंगलवार को डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि हाईकोर्ट में हाल ही में शिवानी व श्रीकांत यादव सहित पांच जोड़ों ने प्रेम विवाह का दावा करते हुए याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की थी। इसमें आर्य समाज मंदिर के नाम का विवाह प्रमाणपत्र भी संलग्न किया गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर जब विवाह प्रमाण पत्रों की जांच की गई, तो वे फर्जी निकले। इस पर कैंट थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
कैंट थाने में कुल सात के अलावा कौंधियारा व हंडिया थाने में एक-एक मामला दर्ज है। जांच के लिए कमेटी गठित की गई। सोमवार को मुखबिर की सूचना पर कैंट थाने की पुलिस और एसओजी नगर व यमुनानगर की संयुक्त टीम ने हनुमान मंदिर के सामने गली में अजय फोटो स्टेट नाम की दुकान पर छापामारी की। तीन फर्जी प्रमाण पत्र सहित तीन कंप्यूटर में भी कई फर्जी प्रमाण पत्र की प्रतियां मिलीं। पुलिस ने शेषमणि दुबे उर्फ राजा निवासी पुराना कटरा और अनिल प्रजापति निवासी कसारी मसारी को गिरफ्तार किया। हालांकि दुकान का मालिक अजय चौरसिया फरार है।
ऐसे बनाते थे आर्य समाज का फर्जी विवाह प्रमाणपत्र
गिरोह की ओर से पहले से ही ‘आर्य समाज’ के नाम पर कूटरचित तरीके से फर्जी प्रमाण पत्र का प्रारूप कंप्यूटर में डाउनलोड कर रखा गया था। जब किसी को प्रमाण पत्र की जरूरत होती थी, तो उनका नाम, पता व अन्य विवरण भरकर फर्जी मोहर आदि लगाकर दे दिया जाता था। पुलिस को छापे में आर्य समाज कृष्ण नगर प्रयागराज, 529 केएल कृष्ण नगर कीडगंज’ और ‘आर्य समाज उलाऊ खेड़ा, फिरोजाबाद’ के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र के प्रारूप मिले हैं। पुलिस की मानें तो आर्य समाज के अलावा अन्य सोसाइटी के नाम से भी फर्जी विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का संकेत मिले हैं। हालांकि अभी इसकी जांच की जा रही है।
कई नाबालिग को जारी किए प्रमाणपत्र
पुलिस की जांच में गिरोह की ओर से कई नाबालिग जोड़ों को भी फर्जी विवाह प्रमाण पत्र दिए गए थे। कुछ मामलों में जब लड़कियों के हाईस्कूल व अन्य दस्तावेजों की जांच की गई, तो उनके नाबालिग होने की पुष्टि हुई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस धंधे के नेटवर्क में अन्य लोगों के भी शामिल होने की आशंका हैं। फिलहाल इसकी जांच अभी जारी है।
सात साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा
फर्जी विवाह प्रमाणपत्र का धंधा लगभग सात साल से चल रहा था। आरोपियों ने 2018 से दुकान में काम करने की बात स्वीकार की है। एक प्रमाण पत्र के एवज में 15 से 20 हजार रुपये की सौदेबाजी की जाती थी। डीसीपी नगर ने बताया कि दोनों आरोपी अनिल व राजा लंबे समय से अजय चौरसिया के दुकान पर काम करते थे। पुलिस अजय चौरसिया की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
प्रयागराज, गाजियाबाद में हजारों पंजीकरण
गिरोह के खुलासे के दौरान डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने बताया कि हाईकोर्ट ने हाल ही में गाजियाबाद, प्रयागराज सहित कुछ अन्य जिलों में 15 से 22 हजार तक विवाह पंजीकरण संज्ञान में लिया है। प्रदेश की अन्य जिलों में आमतौर पर संख्या 400-500 तक ही सीमित हैं। प्रयागराज में इस तरह के अन्य गिरोह की भी छानबीन की जा रही है, जो फर्जी प्रमाणपत्र बनाने में लगे हैं।