ब्रजेश पाठक के जवाब पर हंगामा, अतुल प्रधान निपट गए, रागिनी सोनकर ने पहले ही अलर्ट कर दिया था
- उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को सपा विधायकों के दो सवाल पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ऐसा भड़के कि उससे शुरू हुए हंगामे के बाद सरधना के विधायक अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों के सवाल पर बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आक्रामक जवाब से ऐसा बवाल हुआ कि अंत में सदन को स्थगित करना पड़ा। चेतावनी के बाद भी शांत नहीं होने पर अध्यक्ष सतीश महाना ने मेरठ जिले की सरधना सीट से सपा के विधायक अतुल प्रधान को बाकी सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया। अतुल के भाषण से पहले जौनपुर की मछलीशहर सीट से सपा विधायक डॉक्टर रागिनी सोनकर ने कहा था कि पाठक जब जवाब देते हैं तो उत्तेजित हो जाते हैं और ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो इस सदन में नहीं बोलना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को लेकर सपा के विधायक अपनी बात रख रहे थे। मछलीशहर की विधायक रागिनी सोनकर ने झांसी के अस्पताल में आग की घटना का जिक्र करते हुए कहा- “जब भी मैंने सवाल उठाए हैं, मंत्री जी ना जाने क्यों बहुत उत्तेजित हो जाते हैं। कई बार अपने शब्दों पर संयम भी नहीं रख पाते हैं। मुझे नहीं पता वो किस वजह से आक्रोशित हो जाते हैं, असंयमित हो जाते हैं और कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो कि वाकई इस सदन में प्रयोग नहीं करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि जब आप उत्तर देंगे तो बहुत ही गंभीर तरीके से दिया जाएगा।”
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रागिनी सोनकर के बाद अतुल प्रधान ने भी झांसी के अस्पताल में आग की चर्चा की और कहा कि कार्रवाई के नाम पर प्रिंसिपल एमएस सेंगर को सिर्फ लखनऊ से अटैच कर दिया गया। प्रधान ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कई डॉक्टर ना सिर्फ प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं बल्कि प्राइवेट अस्पताल चला रहे हैं। अतुल प्रधान ने कई डॉक्टरों और उनके निजी अस्पताल का नाम गिनाया। प्रधान ने इसके बाद मेरठ के अस्पताल में लिफ्ट गिरने से महिला की मौत की चर्चा की।
अतुल प्रधान के सवालों के व्यापक होते दायरे पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने हस्तक्षेप किया और कहा कि नियम 56 के तहत निश्चित और तात्कालिक घटना पर सवाल पूछना चाहिए। मंत्री के पास इतने सवालों के जवाब कैसे आएंगे। इसके बाद स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि प्रधान ने नोटिस झांसी के हादसे पर दिया है। अगर वो कोई और बात करते हैं तो उसकी सूचना सरकार के पास नहीं होगी तो मंत्री जवाब कैसे देंगे।
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इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री और उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जवाब के लिए उठे और पूछे गए सवालों के औचित्य पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा- “आपने लिखा है कि रात में कोई एक्सीडेंट हो जाए तो आपात स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक नहीं मिलता। सभी लोग विधायक हैं और बड़े पदों पर रह चुके हैं। प्राथमिक अस्पतालों में इमरजेंसी की सुविधा रहती है क्या? पूछिए इनसे। क्या इनको ध्यान नहीं रखना चाहिए था। ये प्रदेश के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। आपको सीएचसी में ले जाना है, जिला अस्पताल में ले जाना है, एंबुलेंस को बुलाना है। प्राथमिक अस्पताल ले जाकर हमारे मरीज को आप मृत्यु के कगार पर भेजना चाहते हैं।”
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ब्रजेश पाठक के इतना कहते ही विपक्षी बेंच पर बैठे सपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर पाठक ने “शांत रहो। बैठो। शाम को डोज मिला कि नहीं मिला। शांत बैठो। सुना करो। गलत बोलें तो टोक देना। प्रदेश की जनता को गुमराह किया, पहले गलती स्वीकार करें।” जैसी टिप्पणी की। बीच में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय उठे और कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रात में भी डॉक्टर इमरजेंसी में बैठते हैं। इस पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि नेता विपक्ष सदन को गुमराह ना करें। वो इस बात को लिखकर दें।
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ब्रजेश पाठक ने नोटिस के दूसरे सवाल पर जवाब में कहा- “दूसरा सवाल इन्होंने गोरखपुर में एम्स का पूछा है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आपके नेता वहां भी बैठते हैं। एम्स क्या राज्य सरकार की संपत्ति है। क्या चिट्ठी टाइप कराते हैं आप लोग। एम्स लि्ख दिया इसमें आपने। उत्तर प्रदेश की जनता ये समझे कि सपा के लोग जो दस्तखत करते हैं वो बिना पढ़े करते हैं।” इसके बाद फिर से हंगामा तेज हुआ तो पाठख ने कहा- “ये लोग केवल गले की खरास साफ करते हैं। हम सचिवालय की डिस्पेंसरी में विक्स रखवा दे रहे हैं। सब लोग खा लें। गले की खरास दूर करें। ये भाषण देकर दूर कर रहे हैं।”
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विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पाठक ने कुछ सदस्यों का नाम लेकर उन्हें शांत रहने और सुनने कहा। फिर स्पीकर सतीश महाना ने हस्तक्षेप किया और ब्रजेश पाठक से कहा कि जवाब दीजिए, थोड़ा सा गुस्सा कम कर लीजिए। बाकी सब ठीक है। इसके बाद ब्रजेश पाठक ने शोरगुल के बीच सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया। हंगामा शांत नहीं हुआ तो पाठक ने कहा- “जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। पीछे से बहुत भाला फेंके गए हैं। आप सुन नहीं रहे थे कि पीछे से कैसे भाला फेंक रहे थे। तो हम क्या यहां रबर की गोली चलाएंगे।”
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इसके बाद हंगामा और जवाब साथ-साथ चलता रहा। हंगामा नहीं रुकने पर सतीश महाना ने सपा के सदस्यों को शांत होने कहा लेकिन कोई असर नहीं हुआ। महाना ने सपा विधायक अतुल प्रधान को चेतावनी दी कि वो उन्हें सदन से बाहर कर देंगे। फिर भी शांत नहीं होने पर महाना ने मार्शल को अतुल प्रधान को सदन से बाहर करने का आदेश दिया और सत्र के लिए निलंबित कर दिया।