हड्डी को चीर कर नाक में घुस गया था दिमाग, तीन घंटे चली जटिल सर्जरी, दुर्लभ बीमारी देख डॉक्टर भी हैरान
- गोरखपुर में 14वर्षीय किशोरी के दिमाग के एक हिस्सा नाक में घुस गया। नेजल मैनिंगो इंसीफेलोसील नामक इस दुर्लभतम बीमारी को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। किशोरी की जान बचाने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी की है।
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यूपी के गोरखपुर में 14वर्षीय किशोरी के दिमाग के एक हिस्सा नाक में घुस गया। नेजल मैनिंगो इंसीफेलोसील नामक इस दुर्लभतम बीमारी को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। किशोरी की जान बचाने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी की है। बुधवार को हुई सर्जरी के बाद किशोरी की हालत खतरे से बाहर है। अब उसे ईएनटी वार्ड में रखा गया है। करीब तीन घंटे तक चली सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन यादव ने। उनके साथ एनेस्थीसिया के प्रोफेसर डॉ. शाहबाज अहमद की टीम मौजूद रही। डॉ. आरएन यादव के मुताबिक, सर्जरी के लिए दूरबीन विधि का प्रयोग किया गया। नाक के जरिए सिर के स्कैल्प से जुड़ी हड्डी तक पहुंचे। सर्जरी कर दिमाग के ऊतक (टिशू) को काटकर निकाल दिया गया। इसके बाद हड्डी के सुराख की मरम्मत की गई।
रेयर है बीमारी
किशोरी अत्यंत दुर्लभ बीमारी नेजल मैनिंगो इंसीफेलोसील से जूझ रही है। इससे किशोरी को बार-बार मेनिन्जाइटिस हो जा रहा था। उसके दिमाग में संक्रमण हो जाता और तेज बुखार के साथ झटके आने लगते थे। जिससे वह अचेत हो जाती। करीब एक महीने पहले परिवारीजन उसे लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग पहुंचे, जहां से ईएनटी विभाग रेफर कर दिया है। यहां पर बीमारी का पता चला। तस्दीक के लिए सीटी स्कैन और एमआरआई भी कराई गई।
नई पद्धति से हुई सर्जरी
विभागाध्यक्ष ने बताया कि इस दुर्लभ बीमारी की सर्जरी के लिए सिर के ऊपर की हड्डी को काटकर निकाला जाता है। इसके बाद दिमाग के अतिरिक्त टिशू को काटा जाता है। किशोरी की सर्जरी में पहली बार दूरबीन विधि का प्रयोग किया गया। जिसमें नाक के जरिए टिशू तक पहुंच गया। यहां देखा गया की नाक को सिर से जोड़ने वाली हड्डी (किब्रीफार्म प्लेट) में बने सुराख से दिमाग के टिशू की एंट्री हुई। यह नाक की मुख्य हड्डी एथमॉइड का ही एक हिस्सा होता है। यह धीरे-धीरे नाक में विकसित होने लगा।
किब्रीफार्म प्लेट में होता है सुराख
डॉ.आरएन यादव ने बताया कि किब्रीफार्म प्लेट नाक और सिर के मध्य में होती है। यह हड्डी अपेक्षाकृत नरम व मुलायम होती है। इसमें सुराख होते हैं। जन्मजात विकृति की वजह से किशोरी के दिमाग के टिशू किब्रीफार्म प्लेट की तरफ विकसित होने लगे। किब्रीफार्म प्लेट के सुराख से होते हुए दिमाग के टिशू नाक में एंट्री कर गए। टिशू के विकास के दबाव से सुराख का आकार चौड़ा होता गया।