संस्कृत भी पढ़ सकेंगे उत्तराखंड मदरसों के बच्चे
उत्तराखंड के मदरसों में अब बच्चे अरबी के साथ संस्कृत भी पढ़ सकेंगे। संस्कृत विषय ऑप्शनल होगा। मदरसों में एनसीईआरटी किताबें शामिल की गई हैं, जिससे बच्चे मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ रहे हैं। मदरसा बोर्ड...
धामपुर। उत्तराखंड के मदरसों में बच्चे अब अरबी के साथ-साथ संस्कृत भी पढ़ सकेंगे। संस्कृत विषय छात्रों के लिए ऑप्शनल होगा। इसके अलावा मदरसों में एनसीईआरटी किताबों को जोड़ दिए जाने के बाद यहां अध्यनरत बच्चें मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ने का काम कर रहे हैं। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुफ़्ती शमून कासमी का धामपुर भव्य स्वागत किया गया। वह देहरादून से काशीपुर एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में स्वागत के बाद उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 416 मदरसे पंजीकृत हैं। जिनमें 76 हज़ार बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विकास के नए आयाम लिख रहे हैं। भारत देश ज्ञान का भंडार है। एकता में अनेकता यहां की धरोहर है। उत्तराखंड मदरसों के बारे में बोलते हुए कहा कि बच्चों को राष्ट्रीय कार्यक्रम से जोड़ा गया है। एनसीईआरटी से जोड़े जाने के बाद मदरसों के बच्चे भी नीट आदि परीक्षाएं दे सकेंगे। धार्मिक तालीम के साथ-साथ इस वर्ष परीक्षा में करीब 96.5 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। अगले सत्र से मदरसों में संस्कृत विषय पढ़ाई के लिए उपलब्ध रहेगी। मुफ़्ती शमून कासमी कांग्रेस पर भी हमलावर दिखे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अल्पसंख्यकों का इस्तेमाल अपने वोट बैंक की तरह किया है। दशकों तक दो वर्गों के बीच खाई खोदी है। जबकि भाजपा उसे पाटने का काम कर रही है।इस मौक़े पर वरिष्ठ भाजपा नेता संजय गहलौत, अधिवक्ता काज़ी मैराज आलम, इरफान मंसूरी, चंद्रपाल सिंह रहे।
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