हाथ में तस्बीह और जुबां पर अल्लाह के जिक्र संग दुआ में रोये जायरीन
Bijnor News - शेरकोट में भनौटी रोड पर दो दिवसीय तब्लीगी इज्तमा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। हजारों जायरीनों ने अल्लाह के जिक्र के साथ तौबा की और लगभग 100 निकाह कराए गए। इज्तमा में 50 जमातों को रवाना किया गया। पुलिस और...
शेरकोट। भनौटी रोड स्थित मैदान में चल रहे दो दिवसीय तब्लीगी इज्तमा का मुल्क में अमन-चैन व कौम की खुशहाली व तरक्की की दुआ के साथ संपन्न हुआ। आखिरी दिन हाथ में तस्बीह और जुबां पर अल्लाह के जिक्र के बीच हजारों जायरीनों ने बारगाहे इलाही में अपने गुनाहों से तौबा की। इज्तमा से 50 जमातों की रवानगी की गई। वहीं करीब सौ जोड़ों का निकाह भी कराया गया। सुरक्षा को लेकर आयोजन स्थल पर कड़े इंतजाम रहे। बता दें कि तब्लीगी इज्तमा के पहले दौर में दिल्ली मरकज से तशरीफ़ लाए मौलाना शरीफ बराबंकी ने अपनी तकरीर में जिंदगी को दीन के मुताबिक गुजारने का तरीका बताया। मौलाना शरीफ ने कहा कि अपने बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम भी दिलाएं। मौलाना ने शादियों में फिजूलखर्ची से बचने की सलाह दी। इस दौरान मौलना शरीफ ने लगभग 100 निकाह पढ़ाए। इज्तमा के समापन पर मौलाना ने खुसूसी दुआ कराई तो पंडाल में मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। उधर, इज्तमा में भारी भीड़ जुटने के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। दोपहर में आयोजन शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न होने पर अफसरों ने राहत की सांस ली।
100 निकाह कराए, 50 जमातें निकली
इज्तमा में इंतेजामिया कमेटी से जुड़े शमीम कुरैशी ने बताया कि इज्तमा में तकरीबन 100 युवक-युवतियों के निकाह पढ़ाए गए। बताया कि यहां से 50 जमातें भी मुख्तलिफ जगह के लिए निकाली गई हैं।
भीड़ निकल भी गई और लोग जाम से भी बचे
पुलिस-वॉलंटियर्स की शानदार व्यवस्था के चलते कार्यक्रम के बाद जाम जैसी समस्या लगभग नहीं के बराबर ही दिखी। काशीपुर-हरिद्वार हाईवे तो पूरी तरह खुला था वहीं इज्त्मस्थल से आने जाने के लिए लोग हाईवे लेन का प्रयोग कर रहे थे। चंद मिनटों के लिए हाईवे पर भीड़ की स्थिति पैदा हुई, लेकिन वॉलंटियर्स और पुलिस ने यातायात व्यवस्था संभाल ली। एएसपी पूर्वी धर्म सिंह मार्छाल ने बताया कि इज्तमा के लिए नौ थानों से पुलिस फ़ोर्स का बंदोबस्त किया गया था।
दिल्ली मर्कज से पहुंचे थे उलेमा
इंतेजामिया कमेटी से जुड़े शमीम कुरैशी ने बताया कि इज्तमा में लोगों को मुखातिब करने वाले उलमाओं में मौलाना शरीफ, मुफ़्ती साजिद, मुफ़्ती एजाज़, मुफ़्ती तारिक और मुफ़्ती आसिफ शामिल रहे जो दिल्ली मर्कज से यहां पहुंचे थे। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर शहर मुफ़्ती जकी, कारी शहजाद, मुफ़्ती अब्दुल वाजिद सहित कईं अन्य का सहयोग रहा।
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