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20 साल बाद खोया बेटा मिला तो छलक गए खुशी के आंसू

Bijnor News - धामपुर के अब्दुल शकूर का बेटा मोहम्मद नाजिम 20 साल पहले पंजाब में नौकरी के लिए गया था, लेकिन बंधक बना लिया गया। डेढ़ साल पहले बाबा रतन देव समिति ने उसे मुक्त कराया और सोशल मीडिया पर उसकी फोटो वायरल...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरFri, 21 Feb 2025 10:45 PM
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20 साल बाद खोया बेटा मिला तो छलक गए खुशी के आंसू

धामपुर। धामपुर के गांव बगदाद अंसार निवासी अब्दुल शकूर का पुत्र मोहम्मद नाजिम 20 साल पहले पंजाब में नौकरी करने के लिए गया था। लेकिन उसे वहां पर कुछ लोगों ने बंधक बना लिया था। मारपीट कर उससे खेती-बाड़ी का काम करा रहे थे। पंजाब के बाबा रतन देव समिति के पदाधिकारियों ने पता लगने पर उसे किसी तरह से डेढ़ साल पहले डेरे से बंधन मुक्त कराया। अपने आश्रम में ले आए और निरंतर उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करते रहे। सोशल मीडिया में फोटो के वायरल होने से नाजिम को उसके परिजन मिल गए। बृहस्पतिवार को परिजन आश्रम से अपने पुत्र नाजिम को घर ले आए। नाजिम को देख परिवार के लोग प्रसन्न हैं। बगदाद अंसार निवासी अब्दुल शकूर का कहना है कि पुत्र नाजिम (35) उनका छह पुत्र पुत्रियों में सबसे बड़ा पुत्र है। 15 वर्ष की अवस्था में वह पंजाब में नौकरी करने के लिए गया था। लगभग एक महीने तक नाजिम ने लुधियाना की एक फैक्टरी में नौकरी की, लेकिन उसके बाद नाजिम का कोई आता-पता नहीं लगा। उन्होंने काफी प्रयास किया, लेकिन नाजिम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

उन्होंने धामपुर पुलिस, पुलिस अधीक्षक बिजनौर और पंजाब में भी नाजिम के गायब हो जाने की रिपोर्ट कायम कराई। लेकिन पुलिस नाजिम का पता नहीं निकल पाई। अब वह यह मानकर घर बैठ गए थे कि उनका पुत्र नाजिम दुनिया में नहीं रहा। चार दिन पहले जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो को उन्होंने देखा तो वह फोटो देखकर आश्चर्य चकित रह गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

सोशल मीडिया से मिला खोया बेटा

सोशल मीडिया में उनके पुत्र का फोटो था, जिसमें बाबा रतन देव समिति अमृतसर पंजाब की ओर से लिखा था। नाजिम नाम का व्यक्ति पिछले डेढ़ साल से उनके आश्रम में है। नाजिम जिसका पुत्र हो तो वह पहचान लें। उसे आश्रम से ले जाएं। नाजिम को पहचान लिए जाने के बाद परिजनों ने संबंधित समिति के पदाधिकारियों से संपर्क किया। सोशल मीडिया पर समिति के पदाधिकारी का मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था।

मोबाइल पर फोन से संपर्क करने के बाद वह दो दिन पहले अमृतसर पंजाब समिति आश्रम में पहुंचे। वहां पर संस्था के पदाधिकारियों से वार्ता की। नाजिम को पहचान लिया। नाजिम उन्हें देखकर भावुक हो गया। नाजिम के मिलने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

नाजिम का करेंगे निकाह

अब वह नाजिम का निकाह करेंगे। उसे अब काम के लिए बाहर नहीं जाने देंगे

पिता अब्दुल शकूर और अन्य परिजनों का कहना है कि अब वह नाजिम को कभी नौकरी करने के लिए बाहर नहीं जाने देंगे। वह घर पर ही काम करेगा। परिजन चाऊमीन, बर्गर का ठेला लगाते हैं।

पीट पीट कर करते थे खेती

बकौल नाजिम उसे पीट पीट का जबरन खेती का काम कराया जाता था। उसने वहां से निकलने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। समिति के कुछ पदाधिकारी पता लगने पर पहुंचे। उसे आरोपियों से बंधक मुक्त कराया। वह एक डेढ़ साल से आश्रम पर ही रह रहा था। वहीं खा-पी रहा था ।आश्रम में सेवा कर रहा था। संस्था ने सोशल मीडिया के माध्यम से उसे उसके परिजनों से मिलवाया। वह संस्था के पदाधिकारियों की जमकर तारीफ कर रहा है।

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