बोले बिजनौर : टूटी सड़कों और बिजली के तारों का जाल, कुत्ते-बंदरों का आतंक
Bijnor News - ट्यूबवेल कॉलोनी के लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें नगर पालिका में शामिल होने के बावजूद आवश्यक सुविधाएं नहीं मिली हैं। बंदरों और आवारा कुत्तों की समस्या, खराब सड़कों और जल निकासी की कमी ने उनकी जिंदगी...

सपना देखा था कि कॉलोनियों में रहेंगे तो सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन यहां तो उल्टा हो गया। कालोनी के लोगों को सुविधाएं तो नहीं मिली बल्कि असुविधाओं के मकड़जाल में फंस गए। गुहार लगाने के बावजूद भी पीड़ा कोई सुनने को तैयार नहीं है। नगर पालिका में शामिल होने के बावजूद भी ट्यूबवेल कॉलोनी के लोगों के लोगों को एक नहीं कई समस्याओं से लड़ना पड़ रहा है। कब तक समस्याओं से लड़ेंगे यह तो पालिका प्रशासन ही बताएगा। फिलहाल खुली आंखों से कॉलोनी के लोग सुविधाओं के मिलने का सपना देख रहे हैं। ट्यूबवेल कॉलोनी में 50 घर हैं और लगभग 900 की आबादी। कॉलोनी नगर पालिका में शामिल हो गई है बावजूद इसके बंदर और आवारा कुत्तों की समस्या प्रमुख है। अतीक दानिश, सुहेल अख्तर बेग, सुलेमान, भूपेन्द्र चौधरी आदि ने कहा कि हालात ऐसे हैं कि बंदरों ने जीना दूभर कर दिया है। नगर पालिका में गुहार लगाने के बावजूद भी बंदरों को पकड़ा नहीं जाता। कई लोगों को बंदर काट चुके हैं और घरों में तोड़फोड़ जारी है। बंदर ही नहीं बड़ी संख्या में कॉलोनी में घूम रहे आवारा कुत्ते भी कालोनीवासियों को दर्द दे रहे हैं। रात में घर से निकलना मुश्किल होता है। हर समय कालोनी में आवारा कुत्ते घूमते मिल जाएंगे। कालोनी में सड़कें भी खराब हैं और गड्ढे हो गए हैं। कुछ सड़कें बननी हैं, लेकिन अभी तक नहीं बनी। सड़कों की समस्या से परेशानी उठानी पड़ रही है। एक दो सड़कों पर तो बारिश होने से जलभराव हो जाता है। पानी की निकासी ठीक नहीं है। कुछ एरिये में पानी की निकासी ठीक है तो कुछ एरिये में पानी की निकासी न होना भी समस्या है। कालोनी में अच्छी सड़कों का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं कालोनी की तीनों गली में अंधेरा रहता है। स्ट्रीट लाइट न होने के चलते रात में अंधेरे की समस्या से जूझना पड़ता है। स्ट्रीट लाइट की बड़ी समस्या है। कुछ कॉलोनी के लोगों ने अपनी ओर से स्ट्रीट लाइट लगवाई भी लेकिन काम नहीं चला। विजयपाल सिंह, असमा बैग, सुनीता, रानी शर्मा ने कहा कि नगर पालिका की पाइपलाइन तो कॉलोनी में डाली जा चुकी है, लेकिन अभी तक काफी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं हुआ है। नगर पालिका के पानी की सभी घरों में व्यवस्था होनी चाहिए। कॉलोनी के लोगों ने कहा कि कालोनी में न तो पार्क है और न ही सौन्दर्यकरण के नाम पर कुछ किया गया है। कॉलोनी का सौन्दर्यकरण होना चाहिए और पार्क की व्यवस्था होनी चाहिए जबकि पार्क के लिए कॉलोनी में जमीन भी उपलब्ध है। कॉलोनी में साफ सफाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। नियमित रूप से सफाई कर्मचारी कालोनी में नहीं आते हैं।
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कॉलोनी में नहीं है पीने के पानी के लिए कोई नल
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि कॉलोनी काफी बड़ी है, लेकिन कोई भी हैंडपंप नहीं है। कॉलोनी में दो से तीन हैंडपंप होने चाहिए। अगर ऐसा होगा तो कॉलोनी के लोगों को बिजली जाने के बाद भी पानी की किल्लत नहीं होगी।
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नियमित रूप से नहीं आती कूड़ा उठाने वाली गाड़ी
सुहेल बेग, राजबाला आदि ने कहा कि कालोनी में रोज कूड़ा उठाने वाली नगर पालिका की गाड़ी नहीं आती है। इससे कालोनी के लोगों को परेशानी होती है। नगर पालिका की गाड़ी रोज कूड़ा उठाने के लिए आनी चाहिए। सड़क पर झाडू लगाने वाले और नालियों की सफाई करने वाले सफाई कर्मचारी भी रोज कालोनी में आने चाहिए। इससे कालोनी में स्वच्छता की बयार बहेगी।
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सुझाव
कालोनी में स्ट्रीट लाइट लगवाई जाए।
कालोनी में बंदरों को पकड़वाया जाए।
सड़कों को बनवाकर जल निकासी की जाए।
कालोनी में पार्क की व्यवस्था होनी चाहिए।
कालोनी का सौन्दर्यकरण होना चाहिए।
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शिकायतें
कालोनी में बंदरों की बढ़ती संख्या दे रही दर्द।
नियमित रूप से नहीं आती नगर पालिका की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी।
रोज नहीं आते कालोनी में सफाई कर्मचारी।
कालोनी में खाली पडे़ प्लाट में नहीं होती सफाई।
सड़क खराब होने से परेशानी से जूझ रहे कालोनीवासी।
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बोले बिजनौर---
सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। जिस कारण नालियां चोक हों गई हैं। नियमित रूप से कालोनी में सफाई कर्मचारी नालियों की सफाई करें। - सुक्की।
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कॉलोनी में बंदरों के आतंक से सभी परेशान है। बंदरों ने बच्चों और औरतों का घर से निकलना दूभर कर दिया है। बंदरों को पकड़वाया जाए। - डिम्पल।
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बंदरों ने हमारी ग्रिल तोड़ दी है और कपड़े उठा कर ले जाते हैं ।नगर पालिका से निवेदन हैं बंदरों को पकड़वाया जाए। कॉलोनी के लोग बहुत परेशान हैं। - मिथलेश
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कॉलोनी में कुत्तों की संख्या अधिक हो गई है जो जगह-जगह गंदगी कर रहे हैं। बच्चों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। कई को काट भी चुके हैं। -राजबाला
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कॉलोनी जब से नगर पालिका में सम्मिलित हुई है अभी तक स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। ग्राम पंचायत द्वारा लगाई गई लाइट खराब हो चुकी है। कॉलोनी में अंधेरा पसरा रहता है।-रानी शर्मा।
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कॉलोनी में कोई पार्क भी नहीं है और बुजुर्गों के बैठने का के लिए कोई बैंच की व्यवस्था भी नहीं है। सड़कें टूटी है। टूटी सड़कों का निर्माण करवाया जाए। - असमा बेग।
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बंदरों के आतंक से बचने के लिए कालोनी के लोग अपने पूरे घर को लोहे के जाल से कवर करा रहे हैं। नगर पालिका अभियान चलाकर बंदरों को पकड़े। - सुनीता।
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कॉलोनी में बंदरों की अधिकता, कुत्तों द्वारा जगह जगह की जाने वाली गंदगी, सफाई कर्मचारियों के न आने के कारण सड़क पर फैली गंदगी तथा स्ट्रीट लाइट खराब होने के कारण अंधेरा होना आम बात है। नगरपालिका ध्यान दें। - डॉ. अतीक दानिश
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कॉलोनी के कुछ हिस्सों में जल भराव की समस्या बनी हुई है। इस समस्या से निजात दिलाई जाए। खराब सड़कों का निर्माण शीघ्र कराया जाए। -भुवनेश्वर शर्मा।
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स्ट्रीट लाइट न होने के कारण शाम होते कॉलोनी में अंधकार छा जाता है। कुत्तों का आतंक चरम पर है। सड़कें खराब है। न पार्क है न कालोनी का सौन्दर्यकरण। अफसर ध्यान दें। - सुहेल अख्तर बैग
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कूड़े की गाड़ी तो आती है परंतु रोड पर पड़ा कूड़ा नहीं उठाती। कूड़ा उठाने के लिए रोज गाड़ी आए और कूड़ा उठाकर ले जाए। कॉलोनी की सफाई पर ध्यान दिया जाए। - सुलेमान।
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मेरी नजर में सबसे बड़ी समस्या तो बंदर है। बंदर आक्रामक होकर कालोनी के लोगों को काट रहे हैं। बंदरों के आतंक से निजात दिलाई जाए। - शशि अग्रवाल।
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कॉलोनी में आवारा कुत्तों की समस्या भी बढ़ रही है। नगर पालिका अभियान चलाकर इन आवारा कुत्तों को पकड़वाए। कुत्तों को पकड़कर दूर जंगल में छोड़ा जाए। -भूपेंद्र चौधरी
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कॉलोनी में एक सुंदर पार्क बनाया जाए। कॉलोनी का सौन्दर्यकरण होना चाहिए और टूटी सड़कों को बनाया जाए। जल निकासी अच्छे से होनी चाहिए।
- नवीन विश्नोई।
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गंदे पानी की निकासी होनी चाहिए और स्ट्रीट लाइट भी कॉलोनी में लगानी चाहिए। सफाई कर्मचारी रोज नहीं आते। सड़क का निर्माण होगा तो जलभराव की समस्या से निजात मिलेंगी। - विजय पाल सिंह।
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