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जालसाजी समेत कईं धाराओं में चकबंदी अधिकारी देवरार के खिलाफ रिपोर्ट

Bijnor News - विजयसिंहपुर (बढ़ापुर) वन रेंज की ओर से रेंज का 127 बीघा जंगल काश्तकारों को आवंटित करने के मामले में तत्कालीन चकबंदी अधिकारी नजीबाबाद राजेश देवरार फंस गए...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरThu, 30 Jan 2020 10:05 PM
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विजयसिंहपुर (बढ़ापुर) वन रेंज की ओर से रेंज का 127 बीघा जंगल काश्तकारों को आवंटित करने के मामले में तत्कालीन चकबंदी अधिकारी नजीबाबाद राजेश देवरार फंस गए हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर उनके विरुद्ध जालसाजी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

थाना बढ़ापुर में दर्ज कराए गए मामले में विजयसिंहपुर(बढ़ापुर) रेंज के वन दरोगा मोहित कुमार ने कहा है कि राज्यपाल ने भारतीय वन अधिनियम 1927 की विज्ञप्ति धारा 20 के अधिकारों के तहत 21 अप्रैल 1988 को बढ़ापुर रेंज क्षेत्र के विजयपुर के खसरा संख्या 5/8 क्षेत्रफल 127 बीघा 18 बिस्बा को रिजर्व फारेस्ट घोषित किया था। तहरीर में बताया गया कि भारतीय वन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार धारा 20 के अधीन अधिसूचना जारी कर किसी भूमि को आरक्षित वन घोषित करने के अधिकार राज्यपाल के पास होता है। फिर इस भूमि पर किसी व्यक्ति का किसी प्रकार का दावा समाप्त हो जाता है। तहरीर में आरोप लगाया गया कि नजीबाबाद के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राजेश देवरार ने काश्तकारों को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए वन विभाग की भूमि जिस पर वन विभाग का पुराना वन खड़ा है और वन विभाग के कब्जे में है। तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राजेश देवरार ने जुलाई 2014 में एक आदेश पारित कर भूमि को गलत ढंग से काश्तकारों को आवंटित कर सरकार को करोड़ो रुपयों की हानि पहुंचाई है। इस मामले की जानकारी होने पर डीएफओ नजीबाबाद ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आरोपी चकबंदी अधिकारी के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने उल्लेखित चकबंदी अधिकारी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। इस संबंध में वन बंदोबस्त अधिकारी ने भी बढ़ापुर रेंज को भेजे अपने पत्रांक में इस मामले में सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कराने को कहा। वन दरोगा मोहित कुमार की तहरीर पर पुलिस ने वन विभाग की आरक्षित भूमि व उस पर खड़े करोड़ों रुपये के कीमती सरकारी वृक्ष फर्जी तरीके से जालसाजी कर काश्तकारों के नाम भूमि अभिलेखों में दर्ज करने संबंधी धाराओं 420/467/468/471 में नजीबाबाद के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राजेश देवरार के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की है।

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