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अपहरण मामले में महिला समेत तीन को सात की साल कैद

Bijnor News - 12 वर्ष पहले नूरपुर क्षेत्र में 9 वर्षीय बालक भोले के अपहरण के मामले में उसकी मां मुनेश देवी, प्रेमी संजय और साथी चेता को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने दोषियों पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगाया।...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरSat, 1 Feb 2025 02:07 AM
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अपहरण मामले में महिला समेत तीन को सात की साल कैद

12 वर्ष पहले नूरपुर क्षेत्र में नौ वर्षीय बालक के अपहरण के मामले में उसकी मां, उसके प्रेमी संजय और उसके साथी चेता को अपर जिला जज अलका चौधरी की अदालत ने दोषी पाते हुए सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर तीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिया। लोक अभियोजक प्रमोद शर्मा ने बताया कि नूरपुर क्षेत्र के फैजपुर निवासी छोटे पुत्र सुक्कन ने थाने पर सूचना दी थी। बताया कि 14 मार्च 2013 को उसका नौ वर्षीय पोता भोले अपने साथी आदित्य और कार्तिक के साथ सिम्बल तोड़ने गया था। कोतवाली बिजनौर के ग्राम रेहडवा निवासी संजय पुत्र ओमप्रकाश उर्फ ओमपाल उर्फ ओमी अपनी ननिहाल फैजपुर में गया हुआ था।

वादी के गांव का ही दूसरा आरोपी चेता पुत्र छोटे बाइक पर भोले के पास पहुंचे। आरोपियों ने उसको समोसे खिलाने का लालच देकर बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गए। भोले के साथियों ने इस घटना की जानकारी वादी छोटे को थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अपह्त बच्चे को बरामद करने के मकसद से जाल बिछा रखा था। अपहरण के अगले दिन 15 मार्च को तत्कालीन एसएचओ सत्येंद्र पाल सिंह पुलिस बल के साथ गश्त कर रहे थे। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बच्चे के अपहरणकर्ता बच्चे को लेकर बाइक से स्योहारा रोड की नहर की पटरी की ओर जा रहे हैं। पुलिस के पीछा करने पर अपहरणकर्ता बच्चे को छोड़कर फरार हो गए।

पुलिस ने तफ्तीश करने पर दोनों अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान बच्चे की गवाही से प्रकाश में आया कि भोले की माता मुनेश देवी और उसके प्रेमी संजय को भोले ने आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। बच्चे की माता ने अपने बच्चे के अपहरण की साजिश रची थी। अदालत ने विचारण के दौरान आरोपी मुनेश देवी को तलब कर जेल भेजा था। अभियोजन अधिकारी ने बताया कि इस मामले के ज्यादातर गवाह पक्षद्रोही घोषित किए गए थे। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चे के अपहरण कर और पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमले का दोषी पाते हुए तीनों को सजा सुनाई।

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