बोले बिजनौर : 50 फीसदी बिजली चोरी, कैसे मिले शहर को बत्ती
Bijnor News - शहर से देहात तक बिजली चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे पावर कारपोरेशन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। बिजनौर में 64 फीडरों पर लाइन लॉस 30 से 59 फीसदी तक है। अधिकारियों ने बिजली चोरी रोकने...
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शहर से देहात तक बिजली चोरी के मामले बढ़ रहे हैं। हाई लाइनलॉस फीडरों पर कटिया डालकर बिजली चोरी की जा रही है। बिजली चोरी और लाइन लॉस के चलते पावर कारपोरेशन को हर माह लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बिजनौर विद्युत वितरण मंडल में 64 फीडरों पर लाइन लॉस 30 से लेकर 59 फीसदी तक है। बिजली चोरी रोकने को टीमों की मॉर्निंग रेड जारी है। हल्दौर, नूरपुर, बास्टा, पैजनिया, रहटा बिल्लौच इन पांच बिजलीघरों के इलाकों में तो बिजली चोरी के बेइंतहा मामले हैं। बिजली अफसरों का दो टूक कहना है, कि जो लोग बिजली चोरी कर रहे हैं वे झटपट कनेक्शन योजना में आवेदन कर कनेक्शन लें, अन्यथा मुकदमे के साथ ही कम से कम एक साल की रिकवरी की जाएगी।
शहर से लेकर देहात तक कुछ लोग सीधे और मीटर शंट कर बिजली चोरी कर रहे हैं। पॉवर कारपोरेशन और विजिलेंस टीमों के छापों के दौरान यह हकीकत सामने आई है। पॉवर कारपोरेशन अफसर बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस कम करने के लिए खूब प्रयास करने का दावा करते हैं। चालू वित्तीय वर्ष में छापेमारी के बाद 1397 बिजली चोरी के मामलों में कराई गई एफआईआर भी इसकी बानगी है। इसके बावजूद आंकड़े बताते हैं, कि शहर से लेकर गांवों तक बड़े स्तर पर बिजली चोरी का खेल जारी है।
गर्मियों में बिजली बढ़िया कैसे मिले? इसे प्राथमिकता मानते हुए अधीक्षण अभियंता उदय प्रताप, अधिशासी अभियंता अजय कुमार पूरी टीम के साथ इन दिनों अनुरक्षण माह चला रहे हैं। ट्रांसफारमरों की क्षमता वृद्धि, जम्फर बदलने, ऑयल, केबल, सिलिका जेल आदि बदलने का काम चल रहा है। इन सबके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस कम करने के लिए विजिलेंस व स्थानीय पुलिस को साथ लेकर बिजली टीमें मॉर्निंग रेड कर बिजली चोरी के मामले पकड़ रही हैं, क्योंकि बिजली चोरी बढ़ने के चलते लोड़ बढ़ जाता है और इससे फॉल्ट हो जाते हैं, ऊपर से राजस्व की हानि होती है। 30 प्रतिशत से अधिक लाइन लॉस वाले फीडरों में चौकपुरी बिजलीघर के 3, गंज के 6, पीली चौकी के 8, रामपुर बकली के 3, बागड़पुर के 6, जलीलपुर के 9, मसीत के 4, मुस्तफाबाद के 5, छितावर के 3, लधूपुरा का 1, पैजनिया के 9 व उलेढ़ा के 7 फीडर चिह्न्ति किए जा चुके हैं।
64 फीडरों के गांव किए गए सूचीबद्ध
बिजनौर विद्युत वितरण मंडल के तहत चौकपुरी बिजलीघर गंज बिजलीघर, पीली चौकी बिजलीघर, रामपुर बकली बिजलीघर, बागड़पुर बिजलीघर, जलीलपुर बिजलीघर, मसीत बिजलीघर, मुस्तफाबाद बिजलीघर, छितावर बिजलीघर, लधूपुरा बिजलीघर, पैजनिया बिजलीघर व उलेढ़ा बिजलीघर के तहत आने वाले करीब 55 गांव सूचीबद्ध किए गए हैं। इनके अलावा करीब 20 शहरी इलाके भी हैं। इनमें विजिलेंस, पुलिस और बिजली की संयुक्त टीमें चेकिंग अभियान चलाएंगी।
लाइनलॉस 30 प्रतिशत से ज्यादा
30 प्रतिशत से अधिक लाइनलॉस वाले इलाकों पर विशेष निगाह है। आंकड़ों के मुताबिक चौकपुरी बिजलीघर पर लाइनलॉस 43.02 प्रतिशत, गंज बिजलीघर पर 34.87, पीली चौकी बिजलीघर पर 30.45, रामपुर बकली बिजलीघर पर 32.02, बागड़पुर बिजलीघर पर 37.33, जलीलपुर बिजलीघर पर 40.82, मसीत बिजलीघर पर 38.56, मुस्तफाबाद बिजलीघर पर 38.38, छितावर बिजलीघर पर 36.64, लधूपुरा बिजलीघर पर 59.22, पैजनिया बिजलीघर पर 32.32 व उलेढ़ा बिजलीघर पर 54.31 प्रतिशत लाइनलॉस हो रहा है। इन सभी बिजलीघरों के क्षेत्र में 34 करोड़ 99 लाख रुपये का बकाया भी चला आ रहा है।
सिस्टम पर बर्डन है बिजली चोरी
बिजली चोरी विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत अपराध तो है ही, ये विद्युत आपूर्ति सिस्टम पर बर्डन भी है। अनावश्यक लोड बढ़ता है और राजस्व की हानि अलग से होती है। लोड बढ़ने से फॉल्ट होते हैं, ट्रांसफारमर फुंकने से आपूर्ति घंटों तो कईं बार दिनों के लिए भी बाधित हो जाती है। ऐसे में बिजली चोरी करने वालों का खामियाजा उन आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है जो समय से पूरा बिल भुगतान करते हैं।
नूरपुर इलाके में पकड़ी गई बड़े पैमाने की चोरियां
विभागीय अफसरों के अनुसार नूरपुर क्षेत्र में एक ही दिन में चले अभियान में 25 जगह चोरियां पकड़ी गई। इनमें दस स्थानों पर तो 10 किलोवाट से अधिक के लोड वाली चोरियां शामिल थी। 25 जगह पकड़ी गई चोरियों में नूरपुर की डायमंड कालोनी के एक दर्जन से अधिक घर/प्रतिष्ठान शामिल हैं तो वहीं गांव कुंडा खुर्द, गोहावर जैत, धमरौला, पूरनपुर स्याना, अब्दुल्लापुर दहाना, सैदपुर भटटा, मोहल्ला इस्लामनगर, मोरला मण्डैयो, सुनगढ़ व शेरपुर कल्याण शामिल हैं।
शंट लगाकर कर देते हैं मीटरों की स्पीड धीमी
बिजनौर। बिजली टीमें चेकिंग में बिजली की डिमांड अधिक होने के बावजूद खपत कम होने के मामलों में जांच कर चोरी पकड़ रही है। शंट लगाकर स्मार्ट मीटरों की स्पीड बेहद धीमी कर दी जाती है। इससे बिजली आपूर्ति तो पूरी होती है, लेकिन मीटर धीरे चलने से बिजली अधिक खर्च होने पर भी कम यूनिट की रीडिंग बनती है। शंट का उपयोग सिर्फ स्मार्ट मीटर में ही किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक मीटर में ये नहीं लगता है। अगर मीटर में शंट लग गया तो जब भी मीटर को खोला जाएगा, इसमें की गई गड़बड़ पकड़ ली जाती है। इसी के चलते शंट लगाने वाले मीटरों को शार्ट सर्किट कर जला दिया जाता है।
रीडिंग और लोड का मिलान करके पता कर लेते अंतर
बिजली अफसरों की ओर से जब-जब चोरी पकड़ने को अभियान चलाया जाता है, अक्सर उस दौरान चिपनुमा उपकरण से शंट लगाकर बिजली चोरी करने वाले आग लगाकर मीटर को जला देते हैं, ताकि जांच में शंट पकड़ा न जा सके, हालांकि इन सबके बारे में अच्छे से जानने वाले अफसर जलने वाले मीटरों का भी अच्छे से परीक्षण करते हैं और रीडिंग और घर के लोड का मिलान भी करते हैं। अंतर पाए जाने पर कार्रवाई कर दी जाती है।
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शिकायतें
बिजली चोरी बढ़ने से लोड बढ़ जाता है और फाल्ट होते हैं।
ओवरलोड होने पर केबल बस्र्ट हो जाते हैं और ट्रांसफारमर फुंकने से बत्ती गुल हो जाती है।
लोड के उतारचढ़ाव से बिजली की गुणवत्ता प्रभावित होकर बिजली संकट खड़ा हो जाता है।
वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से बिजली उपकरणों के खराब होने की समस्या झेलनी पड़ती है।
सुझाव
बिजली चोरी और लाइन लॉस रोकने के लिए चिहिन्त क्षेत्रों में सघन चैकिंग हो।
सीधे कटिया डालकर और मीटर शंट करके चोरी करके चोरी पर सख्त कार्रवाई की जाए।
बिजली चोरी व लाइन लॉस वाले इलाकों में एबी केबल बिछाए जाएं।
मीटर में ऐसी डिवाइस लगे, जिससे मीटर से छेड़छाड़ करते ही मीटर खराब हो जाए।
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बोले जिम्मेदार:::::::
बिजनौर मंडल के लाइन लॉस वाले 64 फीडरों को चिह्नित किया गया है। इनमें हाईलॉस वाली श्रेणी अलग रखी है। जिन उपभोक्ताओं के खपत लोड सामान्य से कम है, उन पर विशेष निगरानी करा रहे हैं। बिजली चोरी रेड में पकड़ी जा रही है। -उदयप्रताप, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, बिजनौर
चेकिंग के दौरान काफी बिजली चोरी के मामले पकड़ में आ रहे हैं। मीटर शंट कर या सीधे कटिया डालकर बिजली चोरी करने वालों पर कार्यवाही कर रहे हैं। इलाके व गांव चिह्नित किए गए हैं। कार्यवाही जारी है। - अजय कुमार, अधिशासी अभियंता, बिजनौर
बिजली चोरों व बकाया वसूली के लिए अभियान चल रहा है। औचक छापेमारी कर कार्रवाई की जा रही है। जो लोग बिजली चोरी में संलिप्त है, उन्हें चेतावनी है कि झटपट योजना के तहत कनेक्शन लें। चोरी पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कम से कम एक साल की रिकवरी की जाएगी। - ओंकार शर्मा, एसडीओ प्रथम, बिजनौर
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बोले उपभोक्ता...
जो बिजली उपभोक्ता समय से बिल चुकाकर ईमानदारी से कनेक्शन लेकर बिजली का उपयोग कर रहे हैं। उनको प्रोत्साहित करने के लिए सरकार व पावर कारपोरेशन को पुरस्कृत करने के साथ लाभ दिए जाएं। -केके अग्रवाल, गांधी मार्केट
बिजली चोरी कराने में कुछ बिजलीकर्मी भी संलिप्त रहते हैं। उन्हें भी चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी जरूरी है। चोरी करने और कराने वाले दोनों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि इस पर अंकुश लगे। - मनोज ढाका एडवोकेट, नई बस्ती
बिजली चोरी करने वालों पर विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत मुकदमे दर्ज कराने के साथ ही इसमें प्रभावी पैरवी करने पर भी ध्यान दिया जाए, ताकि सजा होने पर दूसरे लोग बिजली चोरी करने से डरें। - एड. नीरज गुप्ता, ज्ञान विहार
बिजली चोरी करने वालों का खामियाजा आम उपभोक्ता जो समय से बिल देते और नियमानुसार बिजली खर्च करते हैं, उन्हें भुगतना पड़ता है। चोरी करने वालों के लिए और सख्त कानून बनने के साथ उन पर अमल होना चाहिए। - सौरभ माथुर, व्यापारी
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