ये है ताजपुर का गिरजाघर, जिसकी एशिया तक अलग पहचान
Bijnor News - पवित्र ह्रदय गिरजाघर, जो दो राजा भाइयों द्वारा अपनी फ्रेंच पत्नियों के लिए लगभग 111 वर्ष पूर्व बनवाया गया था, ताजपुर के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह गिरजाघर अपनी अद्भुत कलाकृतियों और...
दो सभ्यताओं के प्रेम का प्रतीक ऐतिहासिक गिरजाघर अपनी कलाकृतियों और सुंदरता के लिए एशिया में अपनी अलग पहचान रखता है। इस गिरजाघर को दो राजा भाईयो ने अपनी फ्रेंच पत्नियों के लिए लगभग एक सौ ग्यारह वर्ष पूर्व बनवाया था। ताजपुर से लगभग दो किमी की दूरी पर स्थित पवित्र ह्रदय गिरजाघर अत्यंत आकर्षक एवं प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस गिरजाघर को 18 नवंबर 1913 को यहां के राजा फ्रांसिस जेवियर श्याम रिख और राजा सिल्वेस्टर नॉरबर्ट शिवनाथ रिख ने अपनी फ्रेंच पत्नियों रानी मार्गरेट लिलियाना व विलयन मेरी के लिए बनवाया था।
ताजपुर के राजा प्रताप सिंह की मृत्यु 1873 में एक विशाल क्षेत्र और तीन योग्य पुत्रों जगत सिंह, श्याम रिख और शिव नाथ रिख को छोड़कर हो गई। जिनमें दोनो छोटे इंग्लैंड में पढृ रहे थे। शिक्षा के दौरान इनकी पत्नियां सहपाठी रही थी। ये दोनों भाई हिंदू त्यागी थे। हिंदू धर्म के सिद्धांतों से वे अच्छी तरह परिचित थे। फिर भी इन दोनों भाइयों ने अपना धर्म बदल लिया था और चर्च ऑफ इंग्लैंड के सदस्य बन कर विवाह कर वापस आए। यहां आने के कुछ समय बाद राजा फ्रांसिस जेवियर श्याम रिख अपनी पत्नी के साथ बंगलूरू चले गए।
वहीं सन 1943 में 84 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत के दो माह बाद उनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गई। दूसरे भाई राजा सिल्वेस्टर नॉरबर्ट शिवनाथ रिख और उनकी पत्नी की मौत के बाद उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें चर्च में ही दफनाया गया। प्रार्थना सभा कक्ष के एक कोने में उनकी कब्र स्थापित है। इस ऐतिहासिक गिरजाघर को हर वर्ष क्रिसमस-डे पर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया।
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