बेसिक स्कूलों में नहीं बढ़ रहा बच्चों के नामांकन का ग्राफ
Bijnor News - सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में कमी आ रही है, जबकि बीएसए ने 20 हजार बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा है। अब तक 6 हजार नामांकन हो चुके हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर...

सरकारी स्कूलों में बच्चों केनामांकन का ग्राफ नहीं बढ़ रहा है। प्रयासों के बावजूद काफी स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या दस से कम हैं। बीएसए ने अपने स्तर से जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों और अध्यापकों को 20 हजार बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य दिया है। सरकारी स्कूलों में स्कूल चलो अभियान शुरू हो गया है। खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर अध्यापक बच्चों का नामांकन बढ़ाने में लगे हैं। सरकारी स्कूलों में उम्मीदों के अनुरूप बच्चों का नामांकन नहीं बढ़ रहे हैं। यहीं कारण है कि डीएम ने भी सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने व नामांकन न बढ़ने का कारण जानने के लिए नोडल अधिकारी नामित किए हैं।
859 स्कूलों में नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं और जिले भर में 54 स्कूल ऐसे हैं जहां छात्र संख्या 10 से भी कम है। वहीं बीएसए योगेन्द्र कुमार ने अपने स्तर से परिषदीय स्कूलों में 20 हजार बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य के मुताबिक अध्यापक नामांकन कर रहे हैं और अब तक करीब 6 हजार बच्चों के नामांकन हुए हैं।
लक्ष्य के मुताबिक नामांकन होना मुश्किल लग रहा है। बेसिक स्कूलों में शिक्षा पर करोड़ों खर्च तो हो रहे हैं लेकिन अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए निजी स्कूलों का रुख कर रहे हैं। वहीं बीएसए द्वारा लक्ष्य निर्धारित करने पर सरकारी स्कूलों के टीचर और बीईओ अधिक से अधिक नामांकन करने पर जोर दे रहे हैं। गांवों में अध्यापक रैली के माध्यम से तथा अभिभावकों के घर जाकर बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने का आह्वान कर रहे हैं।
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वर्जन
बेसिक स्कूलों में अपने स्तर से 20 हजार बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा है। अब तक लक्ष्य के सापेक्ष करीब 6 हजार बच्चों के नामांकन हो गए हैं। प्रयास किए जा रहे हैं कि लक्ष्य से अधिक नामांकन हो। किसी भी बच्चे को शिक्षा की मुख्यधारा से दूर नहीं रखा जाएगा। घर-घर जाकर बच्चों का सरकारी स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा। अध्यापक रैली निकालकर बच्चों के अभिभावकों को भी जागरुक कर रहे हैं। - योगेन्द्र कुमार, बीएसए बिजनौर।
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