मूसलाधार बारिश होने से नदी और नालों में आया ऊफान, इलाके जलमग्न
- बारिश के चलते पानी के तेज बहाव को देख बाढ की आशंका को लेकर नदी के किनारे स्थित बस्तीवासियों को रात सडक पर गुजारनी...
- बारिश के चलते पानी के तेज बहाव को देख बाढ की आशंका को लेकर नदी के किनारे स्थित बस्तीवासियों को रात सडक पर गुजारनी पडी
फोटो:: 13 बिज 106- पहाडों पर तेज बारिश के चलते अफजलगढ की ग्राम पंचायत इस्लामनगर के तहत सूखास्रोत नदी में आया उफान।
अफजलगढ। संवाददाता
मूसलाधार बारिश होने से बरसाती नदी तथा नालों में ऊफान आ गया। ग्रामीण इलाके जलमग्न हो गये हैं। पहाडों पर हुई बारिश के चलते पानी के तेज बहाव को देख बाढ की आशंका को लेकर सूखास्रोत नदी के किनारे स्थित हेडिया बस्तीवासियों को रात सडक पर गुजारनी पडी।
शनिवार को रात पहाडों पर मूसलाधार बारिश होने से अधिकांश नदी-नाले पानी से लवरेज हो गये। वहीं बरसाती नदी-नालों में जबरदस्त ऊफान आने के कारण इनसे सटे ग्रामीणों में बाढ का खतरा बढ गया है। जिसके चलते ग्रामीणों को बाढ का खतरा सताने लगा है। उधर ग्रामीण इलाकें पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं।
वहीं इस्लामनगर स्थित सूखास्रोत में ऊफान आने से बाढ के डर के कारण हेडिया बस्ती के ग्रामीणों को सडक पर रात गुजारनी पडी। जितेन्द्र, दलपत, कन्हैया, शिव कुमार, राजवीर, राधेलाल, मुकेश, तथा राजपाल सहित अनेक ग्रामीणों का कहना है कि सूखास्रोत नदी का पानी यहां स्थित पुल के नीचे से गुजरने के बाद लगाातर तटबंधों से टकराने के कारण तटबंध पूरी तरह क्षति ग्रस्त हो गये हैं।
अनेक ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में पहाडों पर बारिश होने से सूखास्रोत में पानी का बहाव इतना तेज होता है कि समूची बस्ती जलमग्न हो जाती है तथा लोगों को भारी नुकसान उठाना पडता है। इसके अलावा बताया कि अनेकों बार नदी के ऊफान में डूबने की आशंका के चलते ग्रामीण रातभर तटबंध के आसपास ही रहने को मजबूर हो जाते हैं।
24 घंटों के दौरान 42 एमएम बारिश रिकार्ड की गई
अफजलगढ। कालागढ डैम स्थित नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बहते चैबीस घंटों के दौरान यहां 42 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी, जबकि रविवार को डैम के जलाशय का जलस्तर 357.600 मीटर रिकार्ड किया गया। कालागढ स्थित रामगंगा डैम की जल भण्डारण की निर्धारित क्षमता 365.300 मीटर है तथा रविवार को जलाशय का जलस्तर 357.600 मीटर रिकार्ड किया गया। अब जलाशय में सिर्फ 7.700 मीटर का भण्डारण और किया जा सकेगा। इसके बाद डैम प्रशासन द्वारा पानी की निकासी सीधे रामगंगा नदी शुरू कर दी जायेगी। पहाडों सहित पर्वतीय इलाकों में स्थित डैम जलाशय के कैचमेंट एरिया में भारी वर्षा रिकार्ड किये जाने से निर्धारित जल भण्डारण शीघ्र हो जाने की सम्भावना जतायी जा रही है।
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