पांच वर्ष से पहले छात्रों की ड्रेस में नहीं होगा परिवर्तन : डीएम
Bijnor News - डीएम जसजीत कौर ने निजी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई स्कूल पांच साल से पहले छात्रों की ड्रेस में बदलाव नहीं करेगा। फीस और पाठ्य पुस्तकें शासन के...
डीएम जसजीत कौर ने शुक्रवार को निजी स्कूलों में ड्रेस, पाठ्य पुस्तक परिवर्तन तथा शुल्क निर्धारण के सम्बन्ध में सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों के प्रबन्धक, प्रधानाचार्यों की बैठक ली। निर्देश दिए कि कोई स्कूल पांच वर्ष से पहले छात्रों की ड्रेस में कोई परिवर्तन नहीं करेगा। आपको बता दें बोले हिन्दुस्तान में महंगी किताबों, ड्रेस और बढ़ती फीस का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम ने इसका संज्ञान लेते हुए बैठक की और दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने निर्देश दिए कि शैक्षिक सत्र 2025-26 ने फीस, पाठ्यक्रम, कर्मचारियों सहित सभी कार्यवाही शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही संपन्न कराएं। कालेज में जो भी अध्यापक या कर्मचारियों के वेतन सहित सभी आवश्यक जानकारियां अद्यतन रखी जाएं तथा इसी के साथ सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के सभी आवश्यक देयकों का भुगतान भी शासन के निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाए।
उन्होंने कहा कि छात्रों से वसूल की जाने वाली फीस शुल्क का पूरा विवरण स्कूल की वेबसाइट तथा पीएनटी व्हाट्सएप ग्रुप पर तथा नोटिस बोर्ड पर अनिवार्य रूप से चस्पा करें। पांच वर्ष से पूर्व कोई भी विद्यालय छात्र-छात्राओं की ड्रेस परिवर्तित नहीं करेगा और न ही छात्र एवं छात्राओं को किसी विशेष किताब विक्रेता से पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए मजबूर करेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि स्कूल की बिल्डिंग से किसी भी अवस्था में पाठ्यक्रम एवं स्कूल ड्रेस का वितरण न किया जाए। इस प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित कालेज प्रबंधन के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
बच्चों की अपार आईडी जनरेट कराएं
सभी कालेजों में 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए सरक्षित रखी जाएं। प्रबंधन समिति के नवीनीकरण को अद्यतन रखें और समिति का गठन शासन के निर्देशों के अनुरूप करें और उसकी सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। उन्होंने निर्देशित करते हुए सभी स्कूल अपने अध्ययन बच्चों की अपार आईडी जनरेट कराएं। उन्होंने सभी स्कूलों के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि अभिभावकों और छात्रों के हितों को दृष्टिगत रखें, यदि कोई छात्र अपना प्रवेश स्थगित करना चाहता है तो उसको पूरा शुल्क वापस कराएं। दिव्यांग तथा आरटीई से संबंधित स्कूलों में स्थान रखें और मानवीय आधार पर प्रवेश को सुविधाजनक बनाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए की सभी स्कूल बाइक का प्रयोग करने वाले बच्चों को शत प्रतिशत रूप से हेलमेट का प्रयोग कराना सुनिश्चित करें और यथासंभव उनका ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए प्रेरित करें। इस दौरान एडीएम प्रशासन विनय कुमार सिंह, डीआईओएस जयकरन यादव सहित स्कूलों के प्रधानाचार्य और प्रबंधक मौजूद रहे।
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