उनकी यादों के जलेंगे हमेशा ही चिराग़....
धामपुर में बज़्म-ए-कमर के तत्वावधान में सर सैयद अहमद ख़ान के जश्न के अवसर पर सम्मान समारोह और मुशायरा आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम की शुरुआत की। वक्ताओं ने सर सैयद के मिशन को आगे बढ़ाने की...
बज़्म-ए-कमर धामपुर के ज़ेर-ए-एहतेमाम के सहयोग से जश्ने यौम-ए-सर सैयद अहमद ख़ान के मौके पर एक सम्मान समारोह और एक भव्य मुशायरे का आयोजन हुआ। मुशायरे में शायरों ने अपने कलाम पेश कर श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम की शुभारंभ मुख्य अतिथि हकीम इफ्तिखार हुसैन, कारी मोहम्मद इरशाद अख़ी, मास्टर ग़य्यूर अली खान और हाजी मोहम्मद अशरफ पहलवान ने शमां रोशन कर किया। शुरूआत वफा झालवी की नाते पाक से की गई। इस अवसर पर पहले सर सैयद अहमद खान के जीवन पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने उनके मिशन को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। धामपुर और आस-पास के क्षेत्र में स्कूल-कॉलेज खोलकर समुदाय को मानक शिक्षा से सजाने के लिए हाजी मोहम्मद अशरफ पहलवान, कारी इरशाद 'अख़ी' और मास्टर ग़य्यूर अली खान को सर सैयद अहमद खान अवार्ड से नवाज़ा गया। इसके बाद शेर-ओ-शायरी का दौर शुरू हुआ। इस मौके पर शायर शरातफ अफजलगढ़ ने जब कोई ज़िक्र मोहम्मद का सुना देता है, और दीवाने को दीवाना बना देता है। कारी मोहम्मद इरशाद ने उनकी यादों के जलेंगे हमेशा ही चिराग़, मुल्क और मिल्लत के लिए काम जो कर जाएगा। कारी नौशाद आलम ने बस यही था ख्वाब उनका पूरा कर गए हैं वो, कौम के लिए था जो एक पैगाम सर सैयद आदि कलाम पेश किए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शौकीन-ए-इल्म व अदब ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जावेद फरीदी, आफ़ताब शेख़, इरशाद आफाक, अदनान रब्बानी , इमरान मेंबर, अरशद भाई, एहसान फरीदी, असलम फरीदी, इंतज़ार अहमद, मास्टर रफी अहमद, नसीम फारूकी, शफीक अहमद मना, मास्टर शमीम अहमद, मास्टर नफीस अहमद आदि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कारी नौशाद आलम 'शाद' और संचालन इरशाद धामपुरी ने किया।
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