बिजनौर : चर्चित वासु हत्याकांड में किशोर को उम्रकैद
Bijnor News - बिजनौर कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में हुए वासु हत्याकांड में विशेष न्यायाधीश ने दोषी किशोर को उम्रकैद और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वासु का अपहरण उसके फुफेरे भाई और दोस्तों द्वारा जमीन के विवाद...
बिजनौर कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के चर्चित वासु हत्याकांड में बाल न्यायालय/विशेष न्यायाधीश अधिकारी पोक्सो कल्पना पांडे ने दोषी किशोर को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। फुफेरे भाई ने करोड़ों रुपये की जमीन के लिए अपने दोस्तों के साथ स्कूल के बाहर से अपहरण कर वासु की हत्या कर दी थी, इसमें उनके साथ एक किशोर भी शामिल था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर ही सवा माह बाद कंकाल बरामद किया था। एडीजीसी क्षितिज अग्रवाल ने बताया कि बिजनौर कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के रामपुर बकली निवासी सुनील कुमार का पुत्र वासु (12) बिजनौर-नूरपुर मार्ग स्थित एएन इंटर नेशनल स्कूल में कक्षा सात का छात्र था। वासु का 14 जुलाई 2016 को स्कूल से रिक्शा में घर लौटते समय अपहरण कर लिया था। पुलिस ने प्राथमिक जांच में रिक्शा चालक को जेल भेज दिया था। इसके बाद भी पुलिस ने मामले में जांच जारी रखी थी। पुलिस ने मामले में मंडावर के गांव मोहंडिया निवासी वासु के फुफेरे भाई राजकुमार पुत्र विरेश कुमार, उसके दोस्त राहुल पुत्र सुरेश पाल और लोकेश पुत्र नरेश और एक बाल अपचारी का नाम प्रकाश में आया था।
पुलिस ने 27 अगस्त 2016 को आरोपियों की निशानदेही पर ही वासु का कंकाल बांकपुर के जंगल से जमीन खोदकर निकाला था। इस मामले में मृतक वासु के भाई राजकुमार, उसके दोस्त राहुल और लोकेश को 27 फरवरी 2024 को अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रकाश चंद शुक्ला ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि बाल अपचारी होने पर चौथे आरोपी की पत्रावली पृथक कर दी गई थी। गुरुवार को न्यायालय/विशेष न्यायाधीश अधिकारी पोक्सो कल्पना पांडे ने दोषी किशोर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
करोड़ों रुपये की छह बीघा जमीन के लिए दिया था वारदात को अंजाम
पुलिस ने जांच में पाया था कि अपहरण से कुछ दिन पहले वासु की बुआ गीता अपनी मां को अपने घर ले गई थी, ताकि वह मां से करोड़ों रुपये की जमीन अपने नाम करा सके। इसी के चलते सुनील अपनी बहन के घर पहुंच गया था। दोनों में काफी विवाद हुआ था। इस दौरान राजकुमार भी घर पर मौजूद था।
एसटीएफ बरेली और क्राइम ब्रांच ने की थी जांच
वासु हत्याकांड में रिक्शा चालक को जेल भेजा गया था। लेकिन परिजन पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नहीं थे। परिजनों ने ग्रामीणों और अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन भी किया था। फिर मामले की जांच एसटीएफ और क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। हत्यारोपियों ने वासु की टाई से ही उसकी गला घोटकर हत्या कर दी थी और शव को जमीन में दबा दिया था।
वासु के पिता से मांगी थी दस लाख फिरौती
वासु की हत्या के बाद हत्यारोपी उत्तराखंड के लक्सर पहुंचे और वहां से कॉल कर वासु के पिता सुनील से दस लाख रुपये की फिरौती भी मांगी थी। पुलिस ने राहुल के मोबाइल लोकेशन से हत्याकांड का राजफाश किया था। जबकि हत्याकांड के खुलासे के लिए किए गए प्रदर्शन में राजकुमार सबसे आगे था।
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