बोले बिजनौर : पालिका से भी नहीं सुधरी यहां की बदहाली
Bijnor News - बक्शीवाला वार्ड 13 में पानी निकासी, टूटी सड़कों और सफाई व्यवस्था की गंभीर समस्याएं हैं। निवासियों का कहना है कि नगर पालिका में शामिल होने के बावजूद उनके मुद्दे जस के तस हैं। सफाई कर्मचारी नियमित नहीं...
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बक्शीवाला वार्ड 13 में समस्याओं का अंबार लगा है। परिसीमन के बाद नगर पालिका में शामिल होने के बाद भी बक्शीवाला की न तो तकदीर बदली और न ही तस्वीर बदल पाई। वार्ड के लोग पानी निकासी, टूटी सड़कें, बदतर सफाई व्यवस्था की समस्याओं से रोजाना लड़ना पड़ रहा है। नालियों में गंदगी भरी हुई है। पानी निकासी का हाल यह है कि हल्की बारिश में भी मुख्य सड़क व गलियां तालाब में बदल जाती है। सफाई कर्मचारी कई कई दिन नहीं आते हैं। वार्ड वासियों का कहना है कि शिकायतों को नपा प्रशासन गंभीरता से नहीं लेता है। चुनाव के बाद से सभासद उनके इलाके में नहीं आता है। जिससे उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। नगर की सीमा से सटी फतेहपुर नौआबाद उर्फ बक्शीवाला पहले ग्राम पंचायत होती थी। वर्ष 2020 में नपा परिसीमन के बाद बक्शीवाल को नगर पालिका में शामिल कर लिया गया था। नगर पालिका में शामिल होने के बाद बक्शीवाला व बकली कालोनी को मिलाकर वार्ड नंबर 13 बनाया गया। वार्ड नंबर 13 में 15 हजार से अधिक की आबादी निवास करती है। जबकि करीब साढ़े छह हजार मतदाता है। वार्ड वासियों ने पहली बार वर्ष 2023 में नपा चुनाव के लिए अपने मत का प्रयोग किया था। नगर पालिका में शामिल होने के बाद भी बक्शीवाला के लोगों की समस्याएं दूर नहीं हुई है। वार्ड में समस्याओं का अंबार लगा है। जिनका समाधान समय रहते प्रशासन नहीं कर पा रहा है। बक्शीवाला की मुख्य सड़क रेलवे क्रासिंग से लेकर बाईपास तक जर्जर हालत में है। जिसमें जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। वार्ड सफाई के नाम पर शून्य है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। सफाई न होने से नालियों में कूड़ा व गंदा पानी भरा हुआ है।
बक्शीवाला निवासी पूर्व प्रधान मुफीज आलम उर्फ गुड्डू, फहीम, फिरोज शफीक आदि का कहना है कि वार्ड दो हिस्सों में बंटा है। एक हिस्सा बक्शीवाला का है और दूसरा हिस्सा बकली कालोनी का है। वार्ड की सभासद दूसरे हिस्से बकली कालोनी में निवास करती है। इसलिए वह इस इलाके में नहीं आती है। बार-बार समस्या बताने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। वार्डवासियों के मुताबिक उनके इलाके में गिनती की स्ट्रीट लाइटें हैं जिसमें कई खराब पड़ी है। शिकायत के बावजूद उनको ठीक नहीं कराया गया है। सफाई कर्मचारी मनमर्जी करते है। जिसके चलते वार्ड में गंदगी के ढेर लगे हैं। गलियों की हालत भी बद से बदतर है। अधिकांश गलियां टूटी-फूटी हालत में है और नालियों में गंदा पानी भरा हुआ है। नालियों में गंदा पानी भरा होने से घरों में नमी पहुंच रही है। जिससे उनके मकानों की नींव को नुकसान हो रहा है।
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पूर्व प्रधान के खेत में भरता है बस्ती का पानी
वार्ड निवासी अनीस, हकीम सरफराज, आमिर अब्बासी, महमूद हसन ने बताया कि पूरी बस्ती की पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं है। बस्ती का पानी बाईपास किनारे पूर्व प्रधान इस्लामुद्दीन के खेत में गंदा पानी भरता है। पूर्व प्रधान ने भी अपने खेत में जा रहे बस्ती के पानी को रोक दिया है। जिससे पानी निकासी पूरी तरह बंद हो गई है। इस समस्या को लेकर वह कई बार चेयरपर्सन व ईओ से भी मिल चुके है। मगर नपा प्रशासन उनकी मुख्य समस्या पानी निकासी व टूटी सड़क पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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खाली प्लाट बने हैं कूड़ा घर
वार्डवासी नाजमा, जाहिरा, तालिब ने बताया कि बस्ती में साफ-सफाई के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। सफाई कर्मचारी मनमर्जी से काम पर आते है। जिसके चलते खाली पड़े प्लाट कूड़ा घर बन चुके हैं। जिनमें कूड़े के ढ़ेर लगे हुए हैं। सफाई न होने से सड़क किनारे कूड़े के ढ़ेर और नालियों में गंदगी अटी हुइ है। सफाई हो भी जाती है तो कूड़े को नहीं उठाया जाता है। मुख्य सड़क पर ही नाली का गंदा पानी व कीचड़ फैली हुई है। जो सफाई की दास्तां खुद बयां कर रही है।
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सांसद बिजनौर से भी उठा चुके हैं समस्या
वार्ड निवासी पूर्व प्रधान मुफीज आलम उर्फ गुड्डू, हकीम सरफराज ने बताया कि वह पानी निकासी व जर्जर मुख्य सड़क की समस्या सांसद बिजनौर के सामने भी उठा चुके हैं। जिस पर सांसद ने नपा ईओ को फोन पर समस्या की जानकारी ली और उसका तुरंत समाधान करने को कहा था। सांसद के कहने पर नपा ईओ एक बार वार्ड में निरीक्षण करने आए भी थे, लेकिन इसके बाद समस्या का कोई हल नहीं निकला। सांसद के फोन के बाद वह कई बार ईओ को मांगपत्र देकर समस्या निस्तारण की मांग कर चुके हैं।
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सुझाव
पानी निकासी का पुख्ता समाधान हो, जिससे सड़कों पर गंदा पानी नहीं भरे।
नियमित रूप से होनी चाहिए साफ सफाई की व्यवस्था।
मुख्य सड़क व टूटी गलियों का किया जाए जल्द से जल्द निर्माण।
आबादी में पर्याप्त स्ट्रीट लाइटों को लगाया जाए।
बक्शीवाला में नपा की पेयजल लाइन डाली जाए।
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शिकायतें
रेलवे लाइन से बाईपास तक मुख्य सड़क है जर्जर हालत में।
पानी निकासी का नहीं कोई इंतजाम, सड़कों पर नालियों का पानी बहता है।
आबादी में पर्याप्त स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है।
नियमित सफाई को नहीं पहुंचते है नपा के सफाई कर्मचारी।
सफाई न होने से बना रहता है संक्रामक रोगों का अंदेशा।
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बोले वार्ड 13 बक्शीवाला के लोग......
मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर है और सड़क में गडढ़े बन गए है। कई बार नपा से सड़क निर्माण के लिए ईओ को मांगपत्र सौंपा गया है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है। - मुफीज आलम उर्फ गुड्डू।
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वार्ड में नियमित रूप से वार्ड में सफाई नहीं होती है। जिससे कूड़े के ढ़ेर लगे हैं। जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। -मौ. फहीम।
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बक्शीवाला में स्ट्रीट लाइट काफी कम है। जिससे रात में अंधेरा रहता है। रोशनी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। -फिरोज अहमद।
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पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। नपा को पानी निकासी के लिए बड़े नालों का निर्माण कराया जाना चाहिए। - अनीस
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हल्की बारिश होने पर भी सड़कों पर पानी भर जाता है, जो कई दिनों तक सड़क पर भरा रहता है। जिससे राहगीरों को दिक्कत होती है। - शफीक।
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रोजाना सफाई नहीं होती है, जिससे नालियों में गंदगी जमा है। गंदा पानी भी नालियों में भरा हुआ है। जिससे मक्खी-मच्छर पैदा हो रहे हैं। - महमूद हसन।
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नालियों में हमेशा गंदा पानी भरा रहने से मकानों में नमी आ रही है। जिससे मकानों के प्लास्टर उखड़ने लगे है। - इंतजार आलम।
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बक्शीवाला में नपा की पेयजल लाइन नहीं है। नपा को बस्ती मंे पेयजल की लाइन डलवानी चाहिए।
- करीम अहमद।
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मुख्य सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। लगातार मांग करने पर भी मुख्य सड़क को नहीं बनवाया जा रहा है। मुख्य सड़क का बनना आवश्यक है। - तालिब।
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समस्या को लेकर नपा ईओ से कई बार मिला जा चुका है, मगर उनकी समस्या को नपा दूर नहीं कर रही है। - सैफी इदरीसी।
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वार्ड में रोज सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं जिससे कूड़ा सड़कों के किनारे और खाली प्लाटों में गंदगी जमा हो गई। कूड़ा रोज उठाने की व्यवस्था होनी चाहिए। - आमिर अब्बासी।
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काफी गलियां पूरी तरह से टूटी हुई हैं जिनसे गुजरने में मुश्किल होती है। उनका निर्माण शीघ्र कराया जाए। -नाजमा।
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उनकी गली में नालियां का पानी बहता है। सफाई न होने से पानी से निकलना मजबूरी बन गई है।
-जाहिरा।
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आबादी का पानी एक किसान के खेत में जा रहा था। उसने दो दिन पहले पानी को बंद कर दिया है। जिससे पानी की निकासी पूरी तरह बंद हो गई है। - सरफराज इदरीसी
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